नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) कर्ज में डूबी फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन लिमिटेड (एफएलएफएल) अपने कर्जदाताओं की तरफ से दायर तीन दिवाला याचिकाओं का सामना कर रही है। दिवाला कार्रवाई शुरू करने के लिए एनसीएलटी के समक्ष दायर इन याचिकाओं में एक पर फैसला सुरक्षित है।
फ्यूचर समूह की कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
तीन कर्जदाताओं में से दो वित्तीय और एक परिचालन कर्जदाता हैं। इन्होंने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष लगभग 1,100 करोड़ रुपये का दावा किया है।
एफएलएफएल ने दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत दायर मामलों के बारे में दी जानकारी में बताया कि सभी दावों का ”एनसीएलटी के समक्ष कंपनी द्वारा बचाव किया जा रहा है।”
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने आईबीसी की धारा सात के तहत 495.91 करोड़ रुपये की चूक का दावा करते हुए एक याचिका दायर की है। एक अन्य वित्तीय कर्जदाता कैटालिस्ट ट्रस्टीशिप लिमिटेड ने 451.98 करोड़ रुपये के दावों के लिए एनसीएलटी से संपर्क किया है।
इसके अलावा एफएलएफएल को परिचालन से जुड़े कर्ज दे रखे – लोटस लाइफस्पेस एलएलपी – ने भी धारा नौ के तहत 150.37 करोड़ रुपये की चूक का दावा किया है।
फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन ने कहा कि मामले की सुनवाई अभी होनी है। सुनवाई की अगली तारीख 26 सितंबर, 2022 है।
बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर, 2022 को होगी।
कंपनी के अनुसार हालांकि एनसीएलटी ने कैटालिस्ट ट्रस्टीशिप की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है।
भाषा पाण्डेय रमण
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