नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत परिधान, वस्त्र और चमड़ा जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में भारतीय निर्यात पर आयात शुल्क हटाने से बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले घरेलू कंपनियों को बढ़त मिलेगी।
निर्यातकों ने ऐसी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा है कि मुक्त व्यापार समझौते से बड़ी संख्या में भारतीय वस्तुओं पर शुल्क खत्म हो गया है या काफी कम कर दिया गया है। इससे घरेलू निर्यातकों को दुनिया के सबसे समृद्ध और उपभोग आधारित बाजारों में से एक में तरजीही पहुंच मिलेगी।
निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा, ‘‘शुल्क हटाने से बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा कि नियामकीय प्रक्रियाओं के व्यवस्थित होने से ब्रिटेन में जेनेरिक दवाओं की मंजूरी में तेजी आएगी।
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के उपाध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि नए निर्यात अवसरों को खोलने, व्यापार बाधाओं को कम करने और प्रमुख ब्रिटेन बाजार तक अधिक पहुंच से भारतीय बुनकरों, निर्माताओं और निर्यातकों को लाभ होगा।
रेमंड समूह के चेयरमैन गौतम हरि सिंघानिया ने कहा कि इस तरह के समझौते भारत के लिए लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ अधिक गहराई से जुड़ने तथा विश्व मंच पर एक भरोसेमंद विनिर्माण और निर्यात भागीदार के रूप में स्थिति मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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