नयी दिल्ली/ लंदन, छह मई (भाषा) उद्योग संगठनों ने मौजूदा अनिश्चित वैश्विक माहौल में भारत एवं ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से भारतीय निर्यातकों को काफी फायदा होने और ब्रिटिश बाजार में उपस्थिति बढ़ने की उम्मीद जताई है।
उद्योग निकायों ने मंगलवार को कहा कि इस व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की तरफ बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह समझौता दैनिक उपभोग के सामान (एफएमसीजी), स्वास्थ्य सेवा और नवाचार-संचालित उद्यमों जैसे क्षेत्रों को नई गति देगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के साथ फोन पर बातचीत के बाद शाम को मुक्त व्यापार समझौता पूरा होने की घोषणा की। इसमें करीब 99 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क से राहत देने का प्रावधान किया गया है।
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के साहसिक एवं रणनीतिक नेतृत्व से प्रेरित यह मील का पत्थर वैश्विक आर्थिक शक्ति और प्रगति में एक भरोसेमंद साझेदार के तौर पर भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है।’’
फिक्की ने कहा कि यह समझौता अनिश्चितताओं का सामना कर रहे मौजूदा वैश्विक व्यापार माहौल के बीच व्यापार और निवेश के अवसर बढ़ाने की जरूरत पर बल देता है। यह समझौता उन भारतीय निर्यातकों के लिए बेहद फायदेमंद होगा जो ब्रिटेन के बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहते हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि यह परिवर्तनकारी समझौता ‘आर्थिक संबंधों को गहरा करने, प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करने, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और अधिक व्यापार-अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’
पुरी ने कहा, ‘समय पर हुआ यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर बढ़ेगा।’
टीवीएस मोटर कंपनी के प्रबंध निदेशक सुदर्शन वेणु ने कहा कि यह समझौता भारतीय कंपनियों के लिए आगे विस्तार करने और नए बाजारों तक पहुंच बनाने के बड़े अवसर पैदा करता है।
ब्रिटेन में सक्रिय कारोबारी संगठनों ने भी ‘ऐतिहासिक’ मुक्त व्यापार समझौते पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए नौकरियों और वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भारत ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) के संस्थापक चेयरमैन मनोज लाडवा ने कहा, ‘यह समझौता एक दस्तावेज से कहीं अधिक है। यह एक गहरी, अधिक रणनीतिक साझेदारी का एक प्रारंभिक बिंदु है।’
इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स, ब्रिटेन के प्रमुख लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा कि वह इस सौदे के होने से ‘बहुत खुश’ हैं क्योंकि यह निवेश को बढ़ावा देने का काम करेगा जिससे पांच साल के भीतर व्यापार दोगुना होकर 80 अरब पाउंड से अधिक हो जाएगा।
यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूकेआईबीसी) ने कहा कि यह सौदा व्यापार एवं निवेश में बाधाओं को कम करने, स्थिरता एवं नवोन्मेषण को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी, विनिर्माण एवं सेवाओं से लेकर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग को प्रोत्साहित करने का वादा करता है।
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