नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) को अपने पैकेज्ड जूस उत्पादों में ‘100 प्रतिशत फलों के रस’ का दावा करने वाली सभी पूर्व-मुद्रित पैकेजिंग सामग्री समाप्त करने के लिए दिसंबर के अंत तक चार महीने का और समय दिया है। 31 अगस्त की मौजूदा समयसीमा को बढ़ाने का निर्णय अंशधारकों के साथ परामर्श के बाद लिया गया है।
भ्रामक दावों पर बढ़ती चिंताओं के बीच, जून में, एफएसएसएआई ने एफबीओ को विज्ञापनों में 100 प्रतिशत फलों के रस के दावों के साथ-साथ पैकेज्ड उत्पादों पर लेबल को तुरंत हटाने के लिए कहा था।
एफएसएसएआई ने एफबीओ को एक सलाह में कहा, ‘‘अंशधारकों से प्राप्त विभिन्न प्रतिनिधित्व के आधार पर पूर्व-मुद्रित पैकेजिंग सामग्री का उपयोग करने की समयसीमा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इन सामग्रियों का उपयोग करने की नई समयसीमा अब 31 दिसंबर, 2024 है।’’
इसके अतिरिक्त, नियामक ने कहा कि 31 दिसंबर, 2024 से पहले एफबीओ द्वारा निर्मित उत्पादों को ‘‘उनके खराब होने की समयसीमा के अंत तक सभी चैनलों पर बाज़ार में बेचा जा सकता है।’’
आरंभ में, एफबीओ को एक सितंबर, 2024 से पहले सभी मौजूदा प्री-प्रिंटेड पैकेजिंग सामग्री को समाप्त करने का निर्देश दिया गया था।
भाषा राजेश राजेश अजय
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