(मौमिता बक्शी चटर्जी)
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख ने एक ‘अविश्वनीय संगठन’ बनाने के लिए कंपनी के संस्थापकों की सराहना करते हुए भरोसा जताया है कि हमेशा मजबूती से खड़ी रहने वाली फर्म इस स्थिरता को आगे भी कायम रखने में सफल रहेगी।
कुछ साल पहले इन्फोसिस के संस्थापकों और तत्कालीन प्रबंधन के बीच पैदा हुए विवाद के बाद कमान संभालने वाले पारेख ने कंपनी को स्थिरता की ओर ले जाने में भूमिका निभाई है। उनका मानना है कि इन्फोसिस प्रौद्योगिकी की अगुवाई में पैदा होने वाले वृद्धि अवसरों का लाभ उठाने के लिए अगले कई साल तक बेहतर स्थिति में होगी।
कामकाज के संचालन के मुद्दों पर एन आर नारायणमूर्ति सहित बोर्ड और संस्थापकों में विवाद के बीच जनवरी, 2018 में पारेख ने इन्फोसिस की कमान संभाली थी। इस विवाद की वजह से तत्कालीन सीईओ विशाल सिक्का को इन्फोसिस से बाहर जाना पड़ा था।
यह पूछे जाने पर कि क्या इन्फोसिस ने मुश्किलों के उस दौर को पीछे छोड़ दिया है, पारेख ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम एक अच्छी और टिकाऊ स्थिति में हैं। मुझे लगता है कि कंपनी हमेशा मजबूत रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि संस्थापकों ने एक अविश्वसनीय संगठन बनाया है। और इसलिए कंपनी हमेशा एक अच्छी स्थिति में रही है। हम इस स्थिरता को जारी रखने की उम्मीद करते हैं।’’
कंपनी ने हाल में मजबूत मांग और बेहतर आपूर्ति का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने राजस्व वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 14-16 प्रतिशत कर बाजार को चौंका दिया है।
पिछले पांच साल में कंपनी की एकीकृत आय काफी तेजी से बढ़ी है। मार्च, 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में यह 73,715 करोड़ रुपये थी जो मार्च, 2022 में बढ़कर 1,23,936 करोड़ रुपये हो गई है। इस दौरान एकीकृत शुद्ध लाभ 16,029 करोड़ रुपये से बढ़कर 22,110 करोड़ रुपये हो गया है।
आगे की बड़ी चुनौतियों तथा अवसरों के बारे में पूछे जाने पर पारेख ने कहा कि इन्फोसिस की नींव बहुत मजबूत है, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी अगले कई वर्षों में वास्तव में अविश्वसनीय वृद्धि के अवसर उभर रहे हैं।
इन्फोसिस के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वह उद्योग की स्थिति और उसमें इन्फोसिस की स्थिति को लेकर काफी आशान्वित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम इसका लाभ उठाने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं।’’
भाषा अजय प्रेम
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