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Sunday, 22 September, 2024
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गैस परिवहन, विपणन में एकाधिकार खत्म करने संबंधी समिति की अगुवाई करेंगे पूर्व सेबी प्रमुख

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नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) पेट्रोलियम क्षेत्र के नियामक ने प्राकृतिक गैस के परिवहन और विपणन तथा शहरी गैस की खुदरा बिक्री में शामिल कंपनियों के एकाधिकार को खत्म करने के संबंध में सेबी के पूर्व चेयरमैन अजय त्यागी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने एक आदेश में कहा कि आठ सदस्यीय समिति को प्राकृतिक गैस के परिवहन और विपणन में शामिल इकाइयों को विभाजित करने और जहां जरूरी हो, शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं के एकाधिकार को खत्म करने पर अपनी सिफारिशें देने के लिए कहा गया है।

समिति को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

परिपक्व बाजारों में ऊर्जा बुनियादी ढांचे को एक सामान्य वाहक सिद्धांत पर संचालित किया जाता है जो तीसरे पक्ष को पहुंच देता है। सरकार ने कुछ साल पहले सरकारी स्वामित्व वाली गैस कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड को विभाजित करने पर विचार किया था, जिसमें इसके पाइपलाइन कारोबार को एक अलग इकाई बनाकर रणनीतिक निवेशकों को बेचने का विकल्प शामिल था।

ऐसा विचार इसलिए किया गया, क्योंकि गेल के पास देश के पाइपलाइन नेटवर्क का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा है, जिससे बाजार पर इसका दबदबा है।

गेल देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस विपणन फर्म भी है और उपयोगकर्ता अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें अपने ईंधन के परिवहन के लिए कंपनी के पाइपलाइन नेटवर्क तक पहुंच नहीं मिल पाती है।

गैस परिवहन और गैस विपणन के दो कामों के कारण एक ही इकाई से उत्पन्न संघर्ष को हल करने के लिए गेल को विभाजित करने पर विचार किया गया था। लेकिन बिना किसी स्पष्टीकरण के इस योजना को छोड़ दिया गया।

इसी तरह कई शहरों में गैस परिचालकों के पास वाहनों के लिए सीएनजी और खाना पकाने के लिए घरेलू रसोई गैस (पीएनजी) की आपूर्ति में एकाधिकार है। यदि कोई तीसरा पक्ष ईंधन की आपूर्ति करना चाहता है, तो उसके पास पाइपलाइन के अपने नेटवर्क तक पहुंच नहीं है।

अब पीएनजीआरबी ने प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और गैस परिवहन और वितरण व्यवसायों में समान अवसर देने के लिए समिति का गठन किया है।

नियामक ने 10 सितंबर के अपने आदेश में कहा कि 2006 का पीएनजीआरबी अधिनियम, प्राकृतिक गैस विपणन और परिवहन से संबंधित गतिविधियों को अलग करने के लिए बाध्य करता है। हालांकि, यह उद्देश्य अभी तक हासिल नहीं हुआ है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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