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Saturday, 23 November, 2024
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पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है : पूर्व आरबीआई गवर्नर सी रंगराजन

रंगराजन ने कहा, ‘विकसित देश की परिभाषा ऐसे देश से है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 12,000 डॉलर सालाना हो. अगर हम नौ फीसदी की दर से विकास करे तब भी इसे हासिल करने में 22 साल लगेंगे.’

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अहमदाबाद: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन के मुताबिक अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास दर से 2025 में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है.

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोबारा सरकार बनने के बाद उन्होंने अगले पांच साल में देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर की बनाने का लक्ष्य रखा था लेकिन अर्थव्यवस्था पर छाए संकट के बाद से इसे हासिल करने पर सवाल उठ रहे हैं.

आर्थिक विकास दर की गति कम हो रही है और वित्तवर्ष 2016 के 8.2 फीसदी के मुकाबले वित्तवर्ष 2019 में विकास दर 6.8 फीसदी रह गई है.

रंगराजन ने गुरुवार को यहां कहा, ‘आज हमारी अर्थव्यवस्था 2,700 अरब डॉलर है और हम पांच साल में इसे दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर करने की बात कर रहे हैं. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नौ फीसदी सालाना की दर से विकास की जरूरत है. ऐसे में 2025 तक 5,000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है.’

आईबीएस-आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रंगराजन ने कहा, ‘ आप दो साल गंवा चुके हैं. इस साल यह विकास दर छह फीसदी से नीचे रहने वाली है जबकि अगले साल यह करीब सात फीसदी होगी. इसके बाद अर्थव्यवस्था गति पकड़ सकती है.’

उन्होंने कहा कि अगर देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5,000 अरब डॉलर हो गया तो देश में प्रति व्यक्ति आय मौजूदा 1,800 डॉलर से बढ़कर 3,600 डॉलर हो जाएगी. इसके बावजूद देश निम्न मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में ही रहेगा.

रंगराजन ने कहा, ‘विकसित देश की परिभाषा ऐसे देश से है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 12,000 डॉलर सालाना हो. अगर हम नौ फीसदी की दर से विकास करे तब भी इसे हासिल करने में 22 साल लगेंगे.’

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