नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) रूसी ऊर्जा कंपनी गजप्रॉम की एक पूर्व इकाई ने एलएनजी आपूर्ति नहीं होने पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड की मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया है।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद गजप्रॉम से एलएनजी आपूर्ति प्रभावित हुई थी, जिसके चलते गेल ने मुआवजा मांग था।
गेल ने शेयर बाजार को बताया कि एसईएफई मार्केटिंग ट्रेडिंग सिंगापुर पीटीई लिमिटेड ने कहा है कि बकाया माल के अलावा उसे कुछ भी नहीं देना है।
गेल ने पिछले साल दिसंबर में लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष एक मध्यस्थता दावा दायर किया था। इसमें दीर्घकालिक अनुबंध के तहत एलएनजी कार्गो की आपूर्ति नहीं करने के लिए 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर की मांग की गई थी।
इस मांग में जो माल नहीं पहुंचा था, उसकी भरपाई के अलावा मुआवजा भी शामिल था।
गेल ने 2012 में रूसी ऊर्जा दिग्गज गजप्रॉम के साथ प्रति वर्ष 28.5 लाख टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदने के लिए 20 साल का समझौता किया। यह समझौता गजप्रॉम मार्केटिंग एंड सिंगापुर (जीएमटीएस) के साथ किया गया था।
जीएमटीएस उस समय, गजप्रॉम जर्मनिया की एक इकाई थी, जिसका नाम बदलकर अब सेफ कर दिया गया है। यूक्रेन पर आक्रमण के कारण पश्चिमी देशों के रूस पर प्रतिबंध लगाने के बाद गजप्रॉम ने सेफ का स्वामित्व छोड़ दिया था।
भाषा पाण्डेय
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