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रविवार, 8 जून, 2025
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सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए विश्व सहकारी आर्थिक मंच का गठन

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नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञ दुनिया भर में फैली 30 लाख से अधिक सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए विश्व सहकारी आर्थिक मंच (डब्ल्यूकॉपईएफ) बनाने को एकजुट हुए हैं। ये सहकारी संस्थायें विश्व के कुल कर्मचारियों में से 10 प्रतिशत को नौकरियां प्रदान करती हैं।

विश्व सहकारी आर्थिक मंच (डब्ल्यूकॉपईएफ), वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र के मुद्दों को सरकारों और अन्य अंशधारकों के समक्ष उठाने के साथ साथ सहकारी सोच और सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देगा।

मंच के संस्थापक सदस्यों में से एक दिलीप भाई शंघानी ने एक बयान में कहा, ‘‘डब्ल्यूकॉर्पईएफ की यात्रा, व्यावहारिकता के धरातल पर समतामूलक अर्थव्यवस्था के विचार के साथ शुरू हो रही है। हम अंतरराष्ट्रीय सहकारी आर्थिक व्यवस्था के साथ नये विमर्श की शुरुआत कर रहे हैं। कई चुनौतियां उभरी हैं, जिसके कारण एक नए मंच की आवश्यकता है। यह इस क्षेत्र की समस्याओं की आलोचनात्मक जांच पड़ताल करेगा और उनसे निपटने को उचित नीति विकसित करेगा।’’

उर्वरक प्रमुख इफको के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) के अध्यक्ष होने के साथ-साथ शंघानी इससे पहले संसद सदस्य और गुजरात सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

डब्ल्यूकॉर्पईएफ के अन्य संस्थापक सदस्य कृषि सुधारों पर एमएसपी समिति के सदस्य बिनोद आनंद, ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (इरमा) में प्रोफेसर डॉ. राकेश अरवितिया व्हरर्ल, डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट डब्ल्यू एच आर डॉट लोन्स के संस्थापक आशीष आनंद हैं।

इस अवसर पर बिनोद आनंद ने कहा, ‘‘सामाजिक और अर्थव्यवस्था की मजबूती पर मंथन करने के लिए डब्ल्यूकॉर्पईएफ सहकारी क्षेत्र के पेशेवरों, समाजशास्त्रियों, सहकारी अर्थशास्त्रियों, नीति निर्माताओं और अन्य संबद्ध पक्षों को एक मंच पर लाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह मंच संबद्ध पक्षों को न सिर्फ समस्याआओं को पार पाने में उनकी सहायता करेगा बल्कि सहकारी अर्थव्यवस्था को निर्धारित करने के लिए जरूरी जानकारी उत्पन्न करायेगा।’’

डब्ल्यूकॉपईएफ का उद्देश्य एक न्यायपूर्ण और समतामूलक विश्व में मजबूत और सम्पन्न समाज के निर्माण के लिए सहकारी नीति को और अधिक सहयोगात्मक बनाने की दिशा में काम करना है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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