नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में विदेशी निवेश 2017 से 2021 के दौरान इससे पिछले पांच वर्षों की तुलना में तीन गुना से अधिक बढ़कर 23.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
रियल एस्टेट परामर्श कंपनी कोलियर्स और उद्योग मंडल भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
कोलियर्स ने भारतीय रियल एस्टेट में विदेशी निवेश पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक निवेशकों ने 2016 में नियामक सुधारों से उत्साहित देश के जमीन-जायदाद क्षेत्र में निवेश को लेकर रूचि दिखायी है।
कंपनी ने कहा, ‘‘विदेशी निवेशकों ने 2017 से देश में अधिक उम्मीद के साथ निवेश करना शुरू किया है। इससे पहले विदेशी निवेशक भारत के रियल एस्टेट उद्योग में पारदर्शिता की कमी के कारण निवेश करने से बचते थे।’’
आंकड़ों के अनुसार देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में 2017 से 2021 की अवधि के दौरान विदेशी निवेश बढ़कर 23.9 अरब डॉलर हो गया, जो 2012 से 2016 की अवधि के बीच 7.5 अरब डॉलर था।
वही भारतीय अचल संपत्ति क्षेत्र में 2012 से 2021 के दौरान कुल निवेश बढ़कर 49.4 अरब डॉलर हो गया। इसमें विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है।
इसके अलावा भारतीय रियल एस्टेट में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2017-2021 के दौरान बढ़कर 82 प्रतिशत हो गई, जबकि इससे पिछले पांच साल की अवधि में यह 37 प्रतिशत थी।
परामर्श कंपनी के अनुसार विदेशी निवेश में अमेरिका और कनाडा से निवेश का हिस्सा 2017 के बाद से प्रत्येक वर्ष 60 प्रतिशत से अधिक रहा है।
भाषा जतिन रमण
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