चेन्नई, पांच अगस्त (भाषा) उद्योग निकाय, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, हजारों रोजगार पैदा करने के अलावा किसानों की आय बढ़ाने में मददगार हो सकता है।
यहां फूडप्रो 2022 के 14वें संस्करण के दौरान जारी की गई ‘भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अनलॉकिंग मूल्य’ रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच वर्षों के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के 530 अरब अमेरिकी डॉलर का होने की उम्मीद है।
यह रिपोर्ट, मैकिन्से एंड कंपनी द्वारा तैयार की गई है, जिसने इस आयोजन के लिए ‘ज्ञान भागीदार’ के रूप में कार्य किया।
इसमें कहा गया है, ‘‘इस वृद्धि के 600-650 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, बशर्ते खाद्य अपव्यय को सीमित करें, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ाया जाये और निर्यात बढ़ाने की ओर निरंतर ध्यान दिया जाए।’’
रिपोर्ट के अनुसार, भारत एक वैश्विक कृषि महाशक्ति के रूप में उभरा है और यह अनाज, दालों, फलों और सब्जियों, चीनी और दूध के उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कृषि न केवल देश के सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) में 19 प्रतिशत का योगदान करती है, बल्कि लगभग आधी आबादी की आजीविका का भी समर्थन करती है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘प्रति व्यक्ति कृषि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2000-01 और वर्ष 2020-21 के बीच छह प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 15,056 रुपये प्रति वर्ष हो गया, जबकि उद्योग वित्तवर्ष 2015-2020 के बीच 11 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 320 अरब डॉलर का हो गया।
इसमें कहा गया है, ‘‘खाद्य प्रसंस्करण पर अधिक जोर देने से न केवल भारत को दुनिया के लिए अधिक समृद्ध, अधिक सुविधाजनक खाद्य विकल्प सामने लाने में मदद मिल सकती है, बल्कि किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है और हजारों नौकरियां पैदा हो सकती हैं।’’
भाषा राजेश राजेश मानसी
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