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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग वर्ष 2030 तक 700 अरब डॉलर का होने का अनुमान: पीएचडी चैंबर

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नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) देश में प्रसंस्कृत उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का आकार वर्ष 2030 तक 700 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2023 में 307 अरब डॉलर के मुकाबले दोगुना से अधिक है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने यह कहा।

शुक्रवार को ‘भारत का कृषि रूपांतरण : खाद्य कमी से अधिशेष स्थिति तक’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र वर्ष 2030 तक 700 अरब डॉलर तक हो जाने का अनुमान है। बाजार का आकार वर्ष 2035 तक 1,100 अरब डॉलर और वर्ष 2047 तक 2,150 अरब डॉलर तक हो जाने का अनुमान है।

पीएचडी चैंबर ने एक बयान में कहा कि भारत का कृषि और संबंधित क्षेत्र मजबूती से बढ़ रहा है। वर्ष 2013-14 से वर्ष 2023-24 तक, इस क्षेत्र ने 3.9 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर बनाए रखी, जो देश की अर्थव्यवस्था में इसके महत्वपूर्ण योगदान को बताती है।

उद्योग मंडल के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि महामारी के दौरान भी कृषि महत्वपूर्ण बनी रही और इसने चार प्रतिशत की सराहनीय औसत वृद्धि दर हासिल की।

भारत का कृषि क्षेत्र बदल गया है, जो खाद्य-वस्तुओं की कमी वाले राष्ट्र से खाद्य-अधिशेष शक्ति केंद्र में विकसित हो रहा है।

जैन ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए कृषि वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इस क्षेत्र की भारत को विकसित भारत के गौरवशाली मार्ग पर समर्थन देने की क्षमता को दर्शाता है।

पीएचडी चैंबर के सीईओ और महासचिव रंजीत मेहता ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए उद्योग मंडल ने खाद्यान्न उत्पादन में दो प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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