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शुक्रवार, 13 जून, 2025
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एफएमसीजी क्षेत्र में जून तिमाही में मुद्रास्फीति में कमी के चलते बिक्री बढ़ी

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नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं (एफएमसीजी) के उद्योग ने जून तिमाही में मुद्रास्फीति में कमी के चलते बिक्री बढ़ी और सकल मार्जिन में विस्तार देखा, जिससे चुनिंदा श्रेणियों में छोटी कंपनियों को भी बढ़ावा मिला।

महंगाई बढ़ने से बाजार खंड छोड़ने वाली कई छोटी कंपनियों ने वापसी कर ली है और स्थानीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ा दिया है, जिससे कई बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को कीमतों में बदलाव करना पड़ा है।

आइसक्रीम और पेय पदार्थों की श्रेणियों को छोड़कर अधिकांश सूचीबद्ध एफएमसीजी इकाइयों ने घरेलू देखभाल, व्यक्तिगत देखभाल, सौंदर्य व खाद्य उत्पादों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की है। यह पहली तिमाही में अप्रैल और मई की शुरुआत में बेमौसम बारिश से प्रभावित हुई थी।

भौतिक मुद्रास्फीति के उच्च एकल अंक से कम एकल अंक में आते ही शहरी और ग्रामीण, दोनों बाजारों में मात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे मांग में सुधार के अच्छे संकेत मिल रहे हैं। हालांकि एचयूएल, आईटीसी, गोदरेज कंज्यूमर, डाबर, मैरिको और टाटा कंज्यूमर जैसे निर्माताओं का विज्ञापन और प्रचार पर खर्च बढ़ रहा है।

इसके अलावा, एफएमसीजी कंपनियां अब कम निर्माण लागत का लाभ उपभोक्ताओं को दे रही हैं, जिससे मूल्य वृद्धि में क्रमिक कमी आ रही है।

डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान ज्यादा अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई की रफ्तार कम रही। भारत में भीसीपीआई और डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों के हिसाब से महंगाई नरम रही।’’

ब्रिटानिया के कार्यकारी वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कहा कि इस तिमाही में जिंस की कीमतों में मामूली कमी आई और इसलिए स्थानीय प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए कुछ मूल्य सुधार किए गए।

भाषा अनुराग निहारिका

निहारिका

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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