scorecardresearch
Thursday, 16 January, 2025
होमदेशअर्थजगतसितंबर तिमाही में ग्रामीण बाजारों में बिक्री घटने से एफएमसीजी उद्योग में ‘सुस्ती’ बरकरार : रिपोर्ट

सितंबर तिमाही में ग्रामीण बाजारों में बिक्री घटने से एफएमसीजी उद्योग में ‘सुस्ती’ बरकरार : रिपोर्ट

Text Size:

नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) देश में दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाले उद्योग (एफएमसीजी) में सितंबर तिमाही में भी खपत में नरमी जारी रही। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जून तिमाही की तुलना में सितंबर तिमाही में मांग में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है।

आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी नील्सनआईक्यू ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया कि व्यापक मुद्रास्फीतिक दबाव की वजह से कंपनियां दाम बढ़ा रही हैं जिसके कारण उपभोक्ता उत्पादों के छोटे पैकेट खरीदना पसंद कर रहे हैं।

इस त्रैमासिक रिपोर्ट के मुताबिक, जून तिमाही की तुलना में एफएमसीजी उद्योग में सितंबर तिमाही में कुल मांग 0.9 प्रतिशत गिरी है। यह लगातार चौथी तिमाही है जब मांग में गिरावट आई है जिसका कारण बीती छह तिमाहियों से दहाई अंक में रही मूल्यवृद्धि है।

ग्रामीण बाजारों में मांग जून तिमाही में 2.4 प्रतिशत घटी थी जो सितंबर तिमाही में और गिरावट के साथ 3.6 प्रतिशत हो गई। दूसरी ओर, इसी अवधि में शहरी बाजारों में मांग 1.2 प्रतिशत बढ़ गई।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय एफएमसीजी उद्योग में मूल्य आधारित वृद्धि जारी है और जुलाई से सितंबर के बीच पिछले तिमाही की तुलना में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया, ‘‘एफएमसीजी में मांग और मूल्य आधारित बिक्री कोविड-पूर्व यानी यानी मार्च, 2020 को पार कर गई है।’’

इसके मुताबिक उपभोक्ता अब भी वस्तुओं के छोटे पैकेट की खरीदना पसंद कर रहे हैं और ज्यादातर नई पेशकश में पैकेट के आकार में बदलाव किया गया है। सितंबर तिमाही में परंपरागत माध्यमों मसलन किराना या पास-पड़ोस की दुकानों में मांग में गिरावट दो प्रतिशत और बढ़ गई।

नील्सनआईक्यू के प्रबंध निदेशक (भारत) सतीश पिल्लई ने कहा कि मुद्रास्फीतिक दबाव के अलावा देश में बरसात कहीं पर कम तो कहीं पर ज्यादा हुई है। इससे भी ग्रामीण बाजारों में संकेतकों में नरमी आई है।

भाषा

मानसी अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments