नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) आटा मिल मालिकों के एक निकाय ने बृहस्पतिवार को मांग की कि सरकार को घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं पर 40 प्रतिशत आयात शुल्क को समाप्त करना चाहिए।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्यों ने बुधवार को खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय से मुलाकात की और बाजार में गेहूं की कीमत वृद्धि और इस अनाज की कमी के मुद्दे पर चर्चा की।
महासंघ के अध्यक्ष अंजनी अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिन में गेहूं की कीमत में 300-350 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।
उद्योग निकाय ने गेहूं की अनुपलब्धता और पिछले 20 दिनों में कीमतों में भारी वृद्धि के बारे में चिंता जताई है। हालांकि, फसल का मौसम अभी एक महीने पहले समाप्त हुआ है और नई फसल अब से आठ महीने बाद ही बाजार में आएगी।
इसने मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत वास्तविक उपयोगकर्ता उद्योगों के लिए निविदा प्रक्रिया के माध्यम से गेहूं जारी करने की मांग की है। इसके अलावा, उद्योग निकाय ने गेहूं पर आयात शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत करने की मांग की है।
एसोसिएशन के अनुसार, खाद्य सचिव ने आटा मिल मालिकों को आश्वासन दिया है कि अगर गेहूं की उपलब्धता की समस्या बनी रहती है और गेहूं की कीमत एक विशेष मूल्य सीमा से अधिक बढ़ जाती है तो सरकार हस्तक्षेप करेगी।
बयान में कहा गया है कि सचिव ने मिल मालिकों को 15 दिन के बाद समीक्षा बैठक के लिए बुलाया है।
गर्मी में लू के कारण घरेलू उत्पादन में गिरावट के बीच कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
भाषा राजेश राजेश अजय
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