नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष में जीडीपी का 5.63 प्रतिशत रहा। यह केंद्रीय बजट में जताये गये 5.8 प्रतिशत के अनुमान से कुछ कम है।
वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा यानी व्यय और राजस्व के बीच अंतर 16.53 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी के प्रतिशत के रूप में 5.63 प्रतिशत है।
सरकार ने एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में 2023-24 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटा 17.34 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार सरकार का राजस्व संग्रह बजट में संशोधित अनुमान का 101.2 प्रतिशत रहा।
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 2023-24 में 23.36 लाख करोड़ रुपये जबकि व्यय 44.42 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष में व्यय संशोधित अनुमान का 98.9 प्रतिशत रहा।
आंकड़ों के अनुसार राजस्व घाटा वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी का 2.6 प्रतिशत रहा और प्रभावी राजस्व घाटा 1.6 प्रतिशत रहा।
आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए, इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान से कम रहा। ऐसा अनुमान से अधिक प्राप्तियों और अनुमानित राजस्व व्यय कम होने से मिला, जबकि पूंजीगत व्यय में मामूली कमी आई।
परामर्श कंपनी टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज के साझेदार विवेक जालान ने कहा है कि राजकोषीय घाटा कम रहने का मुख्य कारण कर राजस्व में वृद्धि है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उत्साहजनक राजकोषीय घाटे के आंकड़े देश के करदाताओं के मनोबल को बढ़ाने वाले हैं। सीबीडीटी और सीबीआईसी की दक्षता और विशेष रूप से फर्जी लेनदेन का पता लगाने में कृत्रिम मेधा (एआई) के कार्यान्वयन में शामिल लोगों के साथ-साथ ईमानदार करदाताओं का भी एक अहम योगदान है।’’
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत यानी 16,85,494 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है।
राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम के अनुसार, सरकार का 2025-26 में राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाने का लक्ष्य है।
आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के दौरान सरकार को 27,88,872 करोड़ रुपये (कुल प्राप्ति के संशोधित अनुमान का 101.2 प्रतिशत) प्राप्त हुए। इसमें 23,26,524 करोड़ रुपये कर राजस्व (केंद्र को शुद्ध), 4,01,888 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 60,460 करोड़ गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्ति थी।
केंद्र सरकार का कुल व्यय 44,42,542 करोड़ रुपये (2023-24 के संशोधित अनुमान का 98.9 प्रतिशत) था। इसमें से 34,94,036 करोड़ रुपये राजस्व खाते और 9,48,506 करोड़ रुपये पूंजी खाते मद में व्यय हुए।
भाषा पाण्डेय रमण
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