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गुरूवार, 15 मई, 2025
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पहले मासिक रोजगार आंकड़े जारी, अप्रैल में भारत की बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत रही

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नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) देश में पहली बार मासिक आधार पर मापी गई बेरोजगारी की दर इस साल अप्रैल में 5.1 प्रतिशत रही। बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने वास्तविक समय में देश में नौकरियों के लिए पात्र लोगों में बेरोजगार लोगों के अनुपात की निगरानी के प्रयासों के तहत पहला मासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) जारी किया।

इसके पहले तक श्रम बल सर्वेक्षण तिमाही और वार्षिक आधार पर ही जारी किया जाता था।

वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में एकत्र हालिया आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल, 2025 के दौरान प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्तियों की बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत रही। पुरुषों में बेरोजगारी की दर 5.2 प्रतिशत रही, जबकि महिलाओं में यह दर पांच प्रतिशत रही।

इस दौरान देश भर में 15-29 आयु वर्ग के लोगों में बेरोजगारी दर 13.8 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 17.2 प्रतिशत, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 12.3 प्रतिशत थी।

सीडब्ल्यूएस का आशय सर्वेक्षण की तारीख से पहले के सात दिन में निर्धारित गतिविधि स्थिति से है।

अध्ययन से यह भी पता चला कि 15-29 आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर पूरे देश में (ग्रामीण एवं शहरी) 14.4 प्रतिशत थी, जबकि शहरों में यह 23.7 और गांवों में 10.7 प्रतिशत थी।

देश में 15-29 वर्ष आयु वर्ग के पुरुषों में बेरोजगारी दर 13.6 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि शहरों में यह 15 प्रतिशत और गांवों में 13 प्रतिशत थी।

आंकड़ों से पता चला कि अप्रैल, 2025 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 55.6 प्रतिशत थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में भागीदारी दर 58.0 प्रतिशत थी जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 50.7 प्रतिशत थी।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों में एलएफपीआर क्रमशः 79.0 प्रतिशत और 75.3 प्रतिशत थी।

अप्रैल, 2025 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में श्रम बल भागीदारी की दर 38.2 प्रतिशत थी।

एलएफपीआर जनसंख्या में श्रम बल (अर्थात काम करने वाले, काम की तलाश करने वाले या काम के लिए उपलब्ध) में शामिल व्यक्तियों के प्रतिशत को संदर्भित करता है।

श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) कुल जनसंख्या में कार्यरत लोगों के अनुपात को परिभाषित करता है।

आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में डब्ल्यूपीआर 55.4 प्रतिशत थी।

अप्रैल में शहरी क्षेत्रों में यह अनुपात 47.4 प्रतिशत था, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर समग्र डब्ल्यूपीआर 52.8 प्रतिशत दर्ज किया गया था।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में डब्ल्यूपीआर क्रमशः 36.8 प्रतिशत और 23.5 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय स्तर पर समान आयु वर्ग की समग्र महिला डब्ल्यूपीआर 32.5 प्रतिशत थी।

उन्नत कवरेज के साथ उच्च आवृत्ति वाले श्रम बल संकेतकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, जनवरी 2025 से पीएलएफएस की नमूना पद्धति में सुधार किया गया है।

अप्रैल, 2025 के दौरान देश भर में कुल 7,511 प्रथम चरण नमूनाकरण इकाइयों का सर्वेक्षण किया गया है।

सर्वेक्षण में शामिल परिवारों की संख्या 89,434 (ग्रामीण क्षेत्रों में 49,323 और शहरी क्षेत्रों में 40,111) थी जबकि सर्वेक्षण किए गए व्यक्तियों की संख्या 3,80,838 (ग्रामीण क्षेत्रों में 2,17,483 और शहरी क्षेत्रों में 1,63,355) थी।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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