नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि चीनी वित्तपोषण प्राप्त कई वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपराध के जरिये 940 करोड़ रुपये से अधिक कमाई की। ये कंपनियां बाजार बिगाड़ने वाली कर्ज गतिविधियों में शामिल थीं और इन्होंने भारत में काम करते समय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।
ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पाया गया है, ‘‘ये कंपनियां चीनी और हांगकांग के व्यक्तियों से मिले निर्देशों के आधार पर काम कर रही थी।’’ उन्होंने गलत तरीके से देश के भोले-भाले लोगों ‘तत्काल व्यक्तिगत ऋण’ प्रदान करने के कारोबार में शामिल होने के लिये घरेलू गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने इसीलिए हाल में कुडोस फाइनेंस एंड इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, ऐसमनी (इंडिया) लिमिटेड, राइनो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और पायनियर फाइनेंशियल एंड मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लि. जैसी एनबीएफसी और उनसे संबंधित वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के कुल 155 बैंक और ‘पेमेंट गेटवे’ खातों में पड़े 86.65 करोड़ रुपये के कोष को कुर्क किया है।
ईडी तत्काल कर्ज देने की सुविधा देने वाली कई एनबीएफसी के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है।
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.