नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा है कि देश का ‘विकसित भारत’ का दृष्टिकोण मूल रूप से वैश्विक प्रतिस्पर्धा और नवाचार पर निर्भर करता है, जिसके लिए कृषि, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए स्टार्टअप को काफी अधिक वित्तपोषण की आवश्यकता होती है।
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के अध्यक्ष नायर ने विशेष रूप से कृत्रिम मेधा (एआई) और रक्षा में ‘डीपटेक’ टिकाऊ समाधान बनाने की दिशा में रणनीतिक रूप से पूंजी लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने यहां स्टार्टअप महाकुंभ-2025 के दौरान कहा, “विकसित भारत के लिए हमारा दृष्टिकोण मूल रूप से इस तथ्य पर निर्भर करता है कि हम वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी और नवाचार-संचालित होने जा रहे हैं। …और जब हमने पिछले दशक में 150 अरब डॉलर से अधिक जुटाए हैं, तो मुझे लगता है कि हमें बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता है।”
नायर ने उद्यम पूंजी से परे वित्तपोषण तंत्र में विविधता लाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसमें ऋण वित्तपोषण, सार्वजनिक वित्तपोषण और राज्य वित्तपोषण विकल्प शामिल किए जाएं।
तीन से पांच अप्रैल तक आयोजित हो रहे स्टार्टअप महाकुंभ में 50 से अधिक देशों के स्टार्टअप, निवेशक और उद्योग जगत के दिग्गज एक साथ आएंगे।
भाषा अनुराग अजय
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