नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि हरित कोयला प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखते हुए देश में टिकाऊ खनन को मजबूती देने के लिए जल्द ही वित्तीय आवंटन की घोषणा की जाएगी।
जोशी ने यहां एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कोयले के उपयोग के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के साथ उन्हें अपनाया गया है।
इस दौरान उन्होंने ऐसी कोयला खदानों को वैज्ञानिक तरीके से बंद करने के महत्व पर जोर दिया जिनमें खनन नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देश की बिजली खपत वैश्विक औसत का सिर्फ एक-तिहाई है जबकि भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष पांच सौर ऊर्जा उत्पादक देशों में से एक है।
उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में न्यायपूर्ण बदलाव को सुनिश्चित करते हुए जमीनी स्तर के लोगों की आकांक्षाओं पर समुचित ध्यान दिया जाना चाहिए।
कोयला मंत्री ने कहा कि सरकारी स्वामित्व वाली कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी अनुषंगी इकाइयां स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।
जोशी पहले कह चुके हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों ने ‘नए कारोबार’ के लिए वर्ष 2030 तक 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।
इस निवेश का उपयोग इन कंपनियों की क्षमता और हरित ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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