नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति अस्थायी रहने की संभावना है क्योंकि सरकार के एहतियाती कदम और ताजा फसलों की आवक से कीमतें कम होंगी. हालांकि वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू व्यवधान आगामी महीनों में मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा सकते हैं.
मंत्रालय ने जुलाई के लिए अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि आगे घरेलू खपत तथा निवेश की मांग से वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए बढ़ाए गए प्रावधान से अब निजी निवेश में बढ़ोतरी हो रही है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई 2023 में 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई. हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति 39 महीने के निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही.
मंत्रालय ने कहा कि अनाज, दालों और सब्जियों की कीमत में जुलाई में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दोहरे अंक की वृद्धि देखी गई. घरेलू उत्पादन में व्यवधान ने भी मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ा दिया.
मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, ‘‘ सरकार ने खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठाए हैं, जिससे ताजा भंडार की आवक के साथ बाजार में कीमतों का दबाव जल्द ही कम होने की संभावना है… खाद्य पदार्थों में कीमतों का दबाव अस्थायी रहने की उम्मीद है.’’
मंत्रालय ने कहा कि टमाटर, हरी मिर्च, अदरक और लहसुन जैसी वस्तुओं की कीमतें 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ीं. इसलिए कुछ विशिष्ट वस्तुओं की कीमतों में असामान्य वृद्धि के कारण जुलाई 2023 में खाद्य मुद्रास्फीति उच्च रही.
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