नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) वित्त मंत्रालय ने उधारी देने से जुड़ी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ‘यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस’ (यूएलआई) लाने के तरीकों पर चर्चा के लिए सोमवार को विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक की।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ मिलकर आयोजित इस बैठक में राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारक शामिल हुए।
यूएलआई एक नयी डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) है, जिसे भुगतान क्षेत्र में इस्तेमाल हो रही अवसंरचना यूपीआई की ही तरह ऋण प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए तैयार किया गया है।
यह एक प्रौद्योगिकी मंच है, जिसे मानकीकृत एपीआई के जरिये विभिन्न स्रोतों से प्रमाणित आंकड़ों तक आसान पहुंच की सुविधा के लिए बनाया गया है। इस मंच से सभी ऋणदाता आसानी से जुड़ सकते हैं जो ऋण प्रक्रिया को सुगम बनाएगा।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने यूएलआई को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की सह-अध्यक्षता की।
नागराजू ने बैठक में कहा कि यूएलआई को ऋण वितरण के लिए एक डीपीआई के रूप में देखा जाता है, जिसे प्रौद्योगिकी, आंकड़ों और नीति को एक मंच पर लाने के लिए तैयार किया गया है।
इस बैठक में 13 विभागों और 11 राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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