मुंबई, 22 फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुआई वाली वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) ने मंगलवार को वैश्विक एवं घरेलू घटनाक्रम से उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा करने के साथ ही नियामकों से हालात पर करीबी नजर बनाए रखने को कहा।
एफएसडीसी की इस बैठक में वित्तीय क्षेत्र के तमाम नियामक शामिल हुए। इनमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई से पैदा हुए संकट के बीच यह बैठक काफी अहमियत रखती है।
परिषद की बैठक में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और वृहद-आर्थिक स्थायित्व के साथ एक समावेशी आर्थिक वृद्धि के लिए जरूरी कदमों पर भी चर्चा की गई।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एफएसडीसी ने वैश्विक एवं घरेलू घटनाओं की पृष्ठभूमि में पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी उपायों पर विचार-विमर्श किया। इसके मुताबिक, ‘‘परिषद ने सरकार एवं सभी नियामकों से वित्तीय परिस्थितियों एवं महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों के कामकाज पर लगातार नजर बनाए रखने की जरूरत रेखांकित की।’’
एफएसडीसी की 25वीं बैठक में मुद्रा प्रबंधन से जुड़े परिचालन वाले मुद्दों पर चर्चा करने के अलावा रिजर्व बैंक गवर्नर की अध्यक्षता में गठित उप-समिति द्वारा उठाए गए कदमों का भी संज्ञान लिया गया। इसके साथ ही परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर सदस्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर भी गौर किया गया।
इस बैठक में वित्त मंत्री के अलावा वित्त राज्यमंत्री बी वी कराड, वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव तरुण बजाज, वित्तीय सेवाओं के सचिव संजय मल्होत्रा और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के प्रमुख अजय त्यागी भी शामिल हुए।
फरवरी की शुरुआत में आम बजट पेश होने के बाद से एफएसडीसी की यह पहली बैठक थी। इसकी पिछली बैठक तीन सितंबर, 2021 को हुई थी।
इस परिषद का गठन सरकार ने वित्तीय बाजार के नियामकों के परामर्श से किया था। वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए जरूरी ढांचा खड़ा करने और अंतर-नियामकीय समन्वय कायम करने के लिए इसका गठन किया गया था।
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प्रेम अजय
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