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Monday, 23 September, 2024
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वित्त मंत्री ने तेल कंपनियों को इक्विटी समर्थन देने को अगले वित्त वर्ष तक टाला

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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऊर्जा परिवर्तन परियोजनाओं में सार्वजनिक क्षेत्र के खुदरा ईंधन विक्रेताओं के निवेश में सहयोग देने के लिए इन कंपनियों में 15,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल दिया है।

सीतारमण ने पिछले साल एक फरवरी को 2023-24 का आम बजट पेश करते हुए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) में उनकी ऊर्जा परिवर्तन योजनाओं का समर्थन करने के लिए 30,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश की घोषणा की थी।

इसके साथ ही, उन्होंने कर्नाटक के मैंगलोर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में रणनीतिक भूमिगत भंडारणों को भरने के लिए कच्चा तेल खरीदने के वास्ते 5,000 करोड़ रुपये का भी प्रस्ताव दिया था। भारत ने इन्हें किसी भी आपूर्ति व्यवधान से बचाने के लिए बनाया है।

पिछले साल नवंबर में वित्त मंत्रालय ने इक्विटी समर्थन आधा कर दिया था और बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश 2024-25 के अंतरिम बजट के दस्तावेजों में सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में इक्विटी निवेश के लिए कोई आवंटन नहीं दिखाया। वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए अब 15,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

बजट के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि पूंजीगत व्यय की जरूरतों का पुनर्मूल्यांकन किया गया और इसे घटाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया।

भाषा अनुराग नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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