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Friday, 22 November, 2024
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बजट: वित्तमंत्री सीतारमण की बैंकरों के साथ बैठक, एमएसएमई और छोटे कर्जदाताओं के लिए राह होगी सुगम

बजट से पहले आरबीआई और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों समेत बैंकरों की बैठक में सरकार बैंकों को एमएसएमई और छोटे कर्जकर्ताओं के लिए साख प्रवाह सुगम बनाने के लिए कह सकती है.

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों समेत बैंकरों के साथ बैठक कर रही हैं. बता दें कि सीतारमण पहला बजट पांच जुलाई को पेश करेंगी. इस दौरान एमओएस वित्त अनुराग ठाकुर भी उपस्थित हैं.

कर्जदाताओं के साथ सुगम बनाने की होगी बात

बजट से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों समेत बैंकरों की बैठक में सरकार बैंकों को एमएसएमई और छोटे कर्जकर्ताओं के लिए साख प्रवाह सुगम बनाने के लिए कह सकती है. बैंकरों और वित्तीय सेवा संस्थानों के बीच बैठक में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) पर आरबीआई के संशोधित सर्कुलर पर अधिक जायजा लिए जाने की उम्मीद है.

ऋण मुहैया और सुधार पर होगी बात

सूत्रों के अनुसार, वित्तमंत्री सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय सेहत सुधारने के तरीकों और उनके एनपीए की स्थिति व सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और कृषि क्षेत्र के लिए ऋण मुहैया करवाने में सुधार पर चर्चा कर सकती हैं.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बैंक साख में 14.88 फीसदी की वृद्धि हुई है. सूत्रों ने बताया कि वित्तमंत्री पीएसयू बैंकों को आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर में कटौती के फायदे का हस्तांतरण आम ग्राहकों तक करने की याद दिला सकती हैं.

बैंकरों और वित्तीय सेवा संस्थानों के बीच बैठक में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) पर आरबीआई के संशोधित सर्कुलर पर अधिक जायजा लिए जाने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार, वित्तमंत्री सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय सेहत सुधारने के तरीकों और उनके एनपीए की स्थिति व सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और कृषि क्षेत्र के लिए ऋण मुहैया करवाने में सुधार पर चर्चा कर सकती हैं.

सूत्रों ने बताया कि वित्तमंत्री पीएसयू बैंकों को आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर में कटौती के फायदे का हस्तांतरण आम ग्राहकों तक करने की याद दिला सकती हैं.

पीएमओ ने मांगे हैं सुझाव

पीएमओ ने आगामी बजट 2019-20 के लिए प्रमुख सुझाव मांगे हैं और मंत्रालयों को बजटीय आवंटन संबंधी मुद्दे भेजने को कहा गया है. आम बजट संसद में पांच जुलाई को पेश किया जाएगा.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण प्रमुख उद्योग चैंबर्स, सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के साथ 11 जून को बैठक करने वाली हैं. देश के नागरिकों से भी 20 जून तक अपने सुझाव देने को कहा गया है.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पूर्व सरकार ने एक फरवरी को अंतरिम बजट में घोषणा की थी कि प्रमुख घोषणाएं नियमित बजट में की जाएंगी.

नवनिर्वाचित 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून को आरंभ होगा और यह 26 जुलाई तक चलेगा. संसद में बजट पेश होने के एक दिन पहले चार जुलाई को 2019-20 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा.

बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ऊंचा

लोकसभा चुनाव में भारी जीत के बाद मोदी सरकार पर दुगुनी जिम्मेदारी बढ़ गई है. ऐसे में मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद सांख्यिकी मंत्रालय 31 मई शुक्रवार को जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही. जो कि पिछले 45 साल का ऊंचा स्तर है.

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय की ओर से श्रमिक बल के आवधिक सर्वेक्षण के आंकड़ों की रिपोर्ट का प्रकाशन इससे पहले रोक लिया गया था. जिसमें बताया इसी तरह के बेरोजगारी के आंकड़ों का खुलासा किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी.

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में बेरोजगारी सचमुच 6.1 फीसदी बढ़ी. जिसमें सरकार बैंकों को एमएसएमई और छोटे कर्जकर्ताओं के लिए साख प्रवाह सुगम बनाने के लिए कह सकती हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्र में रोजगार की चाहत रखने वाले 7.8 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, जबकि, ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी है.

बेरोजगारी दर का निर्धारण कुल कार्यबल में बेरोजगार व्यक्तियों की तादाद की गणना फीसदी में करके किया जाता है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की संवृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रही जोकि पिछले पांच साल में सबसे कम है.

(आईएएनएस इनपुट्स के साथ )

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