(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राष्ट्रीय निवेश और ढांचागत कोष (एनआईआईएफ) से अपना प्रदर्शन वैश्विक पटल पर दिखाने के लिए सरकार-समर्थित डिजाइन का लाभ उठाने के लिए कहा।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीतारमण ने एनआईआईएफ की संचालन परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उसे धन जुटाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने और वित्तपोषण के विविध स्रोतों का पता लगाने की जरूरत को लेकर प्रेरित किया।
दिसंबर, 2015 में 40,000 करोड़ रुपये का यह कोष नई, पुरानी एवं स्थगित परियोजनाओं में निवेश करके बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण को बढ़ाने के लिए गठित किया गया था।
फिलहाल इस कोष के प्रबंधन-अधीन संपत्ति 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
संचालन परिषद ने बुनियादी ढांचे और भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में पूंजी जुटाने में एनआईआईएफ की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हुए उसके प्रदर्शन की सराहना की।
इसके साथ ही संचालन परिषद ने सरकारी संपत्ति प्रबंधक एनआईआईएफ की अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, पेंशन फंड, बहुपक्षीय विकास बैंकों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए जापान बैंक जैसे रणनीतिक सरकारी समकक्षों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने के लिए वर्षों से किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।
संचालन परिषद की बैठक में वित्त सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू, भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी एस सेट्टी और कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक निदेशक उदय कोटक ने भी भाग लिया।
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