नयी दिल्ली, 21 (भाषा) उद्योग मंडल फिक्की ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है। भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं की वजह से फिक्की ने वृद्धि दर के अनुमान में कमी की है।
फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वे (जुलाई 2022) में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुख्य नीतिगत दर रेपो को बढ़ाकर 5.65 प्रतिशत करेगा। अभी रेपो दर 4.9 प्रतिशत है।
यह सर्वेक्षण जून में किया गया था और इसमें उद्योग, बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया है।
सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रह सकती है। फिक्की ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अधिकतम 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। वहीं न्यूनतम वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत है।
फिक्की ने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितता और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को देखते हुए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत किया गया है। अप्रैल, 2022 के सर्वेक्षण में 7.4 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।’’
भाषा जतिन अजय
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