नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने बुधवार को छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थानों (एमएफआई) से ऋणों के डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के साथ साइबर सुरक्षा और मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने का आग्रह किया।
नागराजू की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि देश में एमएफआई को ग्रामीण जनता की जरूरतें पूरी करने के लिए अधिक मजबूत, जीवंत और वित्तीय रूप से मजबूत होने की जरूरत है।
उन्होंने बैठक में भाग लेने वाले उद्योग निकायों एमएफआईएन (माइक्रोफाइनेंस इंस्टिट्यूशंस नेटवर्क) और ‘सा-धन’ सहित अन्य इकाइयों से कहा कि एमएफआई क्षेत्र को मजबूत करने और अधिक व्यवहारिक बनने के लिए एक खाका तैयार करने की जरूरत है।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, बैठक में डिजिटल कर्ज वितरण की तरह एमएफआई को डिजिटल रूप से ऋण के पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही एमएफआई को साइबर सुरक्षा और मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उन्हें अपने संचालन मानकों को भी मजबूत करना चाहिए।
बैठक के दौरान एमएफआई के समक्ष मौजूद चुनौतियों और मुद्दों पर भी चर्चा की गई। यह बताया गया कि एमएफआई को कम लागत वाले दीर्घकालिक कोष जुटाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऋण देने में कमी सहित विभिन्न मुद्दों के कारण एमएफआई पोर्टफोलियो की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
बैठक के बाद, सा-धन के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिजी मैमन ने कहा कि एक स्व-नियामकीय संगठन (एसआरओ) के रूप में एमएफआई ने नियमन के दायरे में नहीं आने वाली संस्थाओं को बाहर करने और ऐसी संस्थाओं द्वारा जबरिया वसूली के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात को रखा।
उन्होंने यह भी कहा कि एमएफआई क्षेत्र ने एकरूपता के मकसद से ‘आधार’ को ऋण के लिए एक आवश्यक केवाईसी दस्तावेज बनाए जाने की मांग की है। वर्तमान में एमएफआई को केवाईसी दस्तावेज के रूप में आधार एकत्र करने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा कि अलग से वित्त पोषण व्यवस्था भी होनी चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र के सामने एक बड़ी चुनौती है।
भाषा रमण प्रेम
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