नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 12 जुलाई को होने वाली तीसरे चरण की ई-नीलामी में ‘बफर स्टॉक’ से थोक उपभोक्ताओं को 4.29 लाख टन गेहूं और 3.95 लाख टन चावल बेचेगा।
सरकार घरेलू आपूर्ति में सुधार और चावल, गेहूं तथा आटे की खुदरा कीमत को नियंत्रित करने के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई भंडार से गेहूं और चावल की बिक्री कर रही है।
खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि एफसीआई तीसरे चरण की ई-नीलामी में देशभर में 482 डिपो से 4.29 लाख टन गेहूं और 254 डिपो से 3.95 लाख टन चावल की बिक्री करेगा।
बयान के अनुसार, एफसीआई ने इस संबंध में निविदा जारी की है। इच्छुक इकाइयां भविष्य में ई-नीलामी में भाग लेने के लिए खुद को सूचीबद्ध कर सकती हैं।
बयान के अनुसार, एफसीआई साप्ताहिक ई-नीलामी में भाग लेने के लिए और ज्यादा छोटे तथा सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि भंडार ज्यादा से ज्यादा वर्ग तक पहुंच सके।
इससे पहले पांच जुलाई को हुई ई-नीलामी में बोली लगाने वाले 1,337 बोलीदाताओं को 1.29 लाख टन गेहूं और पांच बोलीदाताओं को 170 टन चावल बेचा गया था।
मंत्रालय ने कहा, “पूरे भारत में उचित और औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,154.49 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि मानदंडों में कुछ छूट (यूआरएस) वाले गेहूं का भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 2,132.40 रुपये प्रति क्विंटल था।”
चावल के लिए भारांश औसत बिक्री मूल्य 3,175.35 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि पूरे भारत में आरक्षित मूल्य 3,173 रुपये प्रति क्विंटल था।
गेहूं की ई-नीलामी में भाग लेने के लिए भारत सरकार के गेहूं भंडार प्रबंधन पोर्टल में बोलीदाताओं द्वारा भंडार की घोषणा अनिवार्य कर दी गई है।
भाषा अनुराग रमण
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