नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में गिरावट तथा मांग कमजोर रहने से देश के प्रमुख बाजारों में सोमवार को मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल के दाम गिरावट के साथ बंद हुए जबकि सरकारी खरीद के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में मामूली सुधार दर्ज हुआ। वायदा कारोबार में बिनौला खल के दाम निरंतर तोड़े जाने से बाजार धारणा प्रभावित रहने के बीच सरसों तेल-तिलहन के दाम पूर्ववत बने रहे।
मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में गिरावट का रुख है।
बाजार सूत्रों ने बताया कि कम आवक के बीच बिनौला खल के वायदा भाव निरंतर तोड़े जाने की वजह से कारोबारी धारणा प्रभावित रहने के कारण मांग होने के बावजूद सरसों तेल-तिलहन के दाम अपरिवर्तित बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि सरकार ने कपास किसानों को कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद का आश्वासन अथवा गारंटी दी थी। इस गारंटी के मद्देनजर सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिये कि वायदा कारोबार में कौन सट्टेबाज और कुछ काारोबारियों का समूह मिलकर किसानों का मनोबल तोड़ने और उनकी कपास नरमा की सस्ते दाम पर खरीद करने के मकसद से निरंतर बिनौला खल का दाम तोड़ रहे हैं। क्या किसानों की इसी तरह की फसल लूट करने के लिए ये लोग तेल-तिलहनों का भी वायदा कारोबार खोलने की वकालत करते हैं? इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि सरकार की किसानों को एमएसपी पर कपास खरीद की गारंटी की कैसे अवहेलना की जा रही है तथा इसपर रोक लगनी चाहिये।
बिनौला खल की इस गिरावट के कारण मूंगफली तेल-तिलहन के दाम भी प्रभावित हुए हैं और मौजूदा समय में मूंगफली तेल का दाम पाम, पामोलीन से काफी नीचे चला गया है। मूंगफली के खल की मांग भी बेहद कमजोर होने से मूंगफली तेल-तिलहन पर दबाव है।
सूत्रों ने कहा कि सरकारी खरीद होने के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में मामूली सुधार जरूर है मगर यह भी सच है कि सरकार की ओर से किसानों की सारी उपज खरीद कर पाना संभव नहीं है। हाजिर बाजार में सोयाबीन के दाम पहले से ही एमएसपी से काफी नीचे हैं। इस नीचे दाम के मुकाबले आज सोयाबीन तिलहन में मामूली सुधार है। दूसरी ओर शिकॉगो एक्सचेंज के मंदा रहने तथा सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की निर्यात मांग न होने से सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट देखी गई।
मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने तथा ऊंचे भाव पर मांग कमजोर रहने से सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में गिरावट है।
चौतरफा गिरावट के बीच बिनौला तेल के भाव भी हानि के साथ बंद हुए।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,500-6,550 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,925-6,250 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,300 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,160-2,460 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,525 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,260-2,360 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,260-2,385 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,375 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,900 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,250 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,275-4,325 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,975-4,075 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश अजय
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