चंडीगढ़, 12 मई (भाषा) पंजाब के कराधान विभाग ने 1,549 करोड़ रुपये के लेनदेन से जुड़े एक फर्जी बिलिंग घोटाले का पता लगाया है, जिसे कुछ बेईमान व्यापारियों ने मिलकर अंजाम दिया।
राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि 108.79 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के दावों को सफलतापूर्वक रोका गया है।
चीमा ने कहा कि विभाग ने लुधियाना में सोने से संबंधित लेनदेन में 900 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग का पता लगाया और 21 करोड़ रुपये के आईटीसी को रोक दिया।
इसके अलावा, मोहाली, खरड़ और कोटकपुरा में कोयले के लेनदेन में 226 करोड़ रुपये के फर्जी चालान का पता लगाने के बाद 12 करोड़ रुपये के आईटीसी दावे को रोक दिया गया।
उन्होंने बताया कि लुधियाना और मंडी गोविंदगढ़ में कुल 423 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन का पता लगाकर 75.79 करोड़ रुपये के आईटीसी को रोका गया।
चीमा ने बताया कि एक अन्य मामले में अधिकारियों ने बिना चालान के दो किलोग्राम सोना ले जा रहे एक वाहन को रोका और इस मामले की जांच फिलहाल जारी है। यह सोना रांची से लुधियाना जा रहा था।
उन्होंने बताया कि 156 केंद्रीय रूप से पंजीकृत फर्मों और 39 राज्य स्तर पर पंजीकृत कंपनियों सहित 195 जीएसटी पंजीकृत फर्मों का भौतिक रूप से सत्यापन किया गया, जिसमें 423 करोड़ रुपये के फर्जी कागजी लेनदेन का पता चला और इसके चलते 75.79 करोड़ रुपये के आईटीसी को रोका गया।
भाषा पाण्डेय अजय
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