नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, प्रमुख कपड़ा वस्तुओं का निर्यात जुलाई, 2025 में 5.37 प्रतिशत बढ़कर 3.10 अरब डॉलर का हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 2.94 अरब डॉलर रहा था। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत का कपड़ा निर्यात सकारात्मक वृद्धि की राह पर अग्रसर है, जो रोजगार, निर्यात और आर्थिक वृद्धि के प्रमुख चालक के रूप में इस क्षेत्र की भूमिका की पुष्टि करता है।
भारत का कपड़ा और परिधान क्षेत्र जुलाई, 2025 में भी स्थिर विकास दर दर्ज करते हुए टिकाऊपन प्रदर्शित करता रहेगा।
वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) द्वारा अप्रैल-जुलाई 2025 की अवधि के लिए जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार, संचयी कपड़ा निर्यात एक वर्ष पूर्व के 11.73 अरब डॉलर की तुलना में 3.87 प्रतिशत बढ़कर 12.18 अरब डॉलर हो गया।
छह प्रमुख कपड़ा वस्तु समूहों का कुल निर्यात जुलाई, 2025 में 3.1 अरब डॉलर को पार कर गया, जो मिश्रित वैश्विक व्यापार स्थितियों के प्रति लचीलापन दर्शाता है। तैयार परिधान, जूट, कालीन और हस्तशिल्प की निरंतर मांग ने विकास की गति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
तैयार परिधान (आरएमजी) का निर्यात जुलाई, 2024 के 1.28 अरब डॉलर से बढ़कर जुलाई, 2025 में 1.34 अरब डॉलर हो गया जो 4.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल-जुलाई, 2025 के लिए संचयी निर्यात पिछले वर्ष के 5.13 अरब डॉलर की तुलना में 5.53 अरब डॉलर का रहा, जिसमें 7.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
उद्योग का प्रदर्शन भारत की विविध उत्पाद शक्ति को उजागर करता है, जो कपास और एमएमएफ आधारित वस्त्रों से लेकर पारंपरिक हस्तशिल्प और पर्यावरण अनुकूल जूट तक फैला हुआ है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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