नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौता संपन्न होने का निर्यातकों ने स्वागत करते हुए कहा है कि इससे देश के निर्यात को बढ़ाने तथा रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के अध्यक्ष नरेंद्र गोयनका ने कहा कि इस समझौते से यूएई में भारत की स्थिति और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारतीय रेडीमेड कपड़ों पर पांच प्रतिशत शुल्क खत्म हो जाएगा, जिससे भारतीय कपड़ा उद्योग को बढ़त मिलेगी।
भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फिओ) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि यह समझौता भारतीय निर्यात के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि खासतौर पर कृषि और प्रसंस्करण, समुद्री उत्पादों, रत्न और आभूषण, परिधान और वस्त्र, चमड़े और जूते जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को इससे लाभ होगा।
भारत-अरब परिषद के अध्यक्ष विक्रमजीत साहनी ने कहा कि इस समझौते से वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार के मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर होने की उम्मीद है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारत और यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद कहा था कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) मई में प्रभावी हो सकता है और पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 प्रतिशत उत्पादों के लिये यूएई को निर्यात का रास्ता खुल जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ऑनलाइन शिखर वार्ता के दौरान व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। समझौते पर भारत की तरफ से गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने हस्ताक्षर किये।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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