नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) भारतीय निर्यात संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) ने खाद्य तथा पेय उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से मंगलवार को सरकार को आगामी बजट में देश में बने उत्पादों के प्रचार-प्रसार और विपणन जैसी गतिविधियों के साथ आधुनिक अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिये प्रोत्साहन की घोषणा करने का सुझाव दिया।
परिषद ने साथ ही एसईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र) इकाइयों को कच्चे माल के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने का भी सुझाव दिया है।
टीपीसीआई ने उद्योग के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट की भी मांग की। इसके अलावा खाद्य क्षेत्र में परीक्षण के लिए सब्सिडी, खाद्य और पेय पदार्थ तकनीकी मशीनरी विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए कोष और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के लिये ब्याज सहायता योजना की मांग की है।
भारतीय निर्यात संवर्धन परिषद के अतिरिक्त महानिदेशक वी के गौबा ने एक बयान में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के लिहाज से कृषि और खाद्य क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र पर और ध्यान देने की जरूरत है। कठिन समय के बावजूद कृषि एवं खाद्य क्षेत्र ने लगातार 20 प्रतिशत से अधिक की मजबूत वृद्धि दर्ज की है।’’
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं खाद्य क्षेत्र का निर्यात 40 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है।
गौबा ने कहा कि कोडेक्स मानक आधारित अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिये पूंजी समर्थन से क्षेत्र को मदद मिलेगी।
वर्ष 1963 में स्थापित, कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी) स्वास्थ्य की रक्षा के लिये संयुक्त खाद्य मानक कार्यक्रम की रूपरेखा के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक अंतर सरकारी निकाय है। इस पहल का मकसद उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य का संरक्षण और खाद्य व्यापार में निष्पक्ष गतिविधियों को सुनिश्चित करना है।
भाषा रमण अजय
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