मुंबई, 15 अप्रैल (भाषा) देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) वित्त वर्ष 2023-24 में अपने परिचालन लाभ को तय लक्ष्य तक लाने के बाद अब इसे 28 प्रतिशत के स्तर तक ले जाने की तैयारी कर रही है।
टीसीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक के कृतिवासन ने कहा, ‘‘हमने अभी-अभी तय दायरे में प्रवेश किया है। इसलिए, हम इस स्तर पर बने रहने या कम से कम जितना संभव हो सके 28 प्रतिशत के करीब जाने की इच्छा रखते हैं। हमारा मानना है कि हमारे पास अपना मार्जिन बढ़ाने के लिए कुछ और गुंजाइश बाकी है।’’
कृतिवासन ने साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा को बताया कि कंपनी के पास इस आंकड़े को बढ़ाने के लिए मूल्य निर्धारण सहित कई तरह की गुंजाइश हैं।
मूल्य निर्धारण के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि कई प्रमुख बाजारों में बाधाओं के बावजूद कंपनी को इस मोर्चे पर किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है।
गौरतलब है कि कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी समीर सेकसरिया ने पिछले शुक्रवार को तिमाही नतीजों के आंकड़ों पर एक वार्ता के दौरान मूल्य निर्धारण को मार्जिन सुधार का एक प्रमुख कारक बताया था।
कृतिवासन ने कहा कि कंपनी पिछले साल सौदों के मूल्य को पिछले स्तर पर बनाए रखने में सफल रही और भले ही इसमें सुधार नहीं हुआ है, लेकिन इसपर किसी तरह का दबाव भी नहीं दिखा।
उन्होंने यह स्वीकार किया कि प्रतिस्पर्धी दबाव से मूल्य निर्धारण प्रभावित हो रहा है, लेकिन कहा कि उन्हें मूल्य निर्धारण पर गंभीर दबाव आने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि ग्राहक यह भी जानते हैं कि उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद सौदे की कीमतें स्थिर रही हैं।
उन्होंने कहा कि वेतनवृद्धि की घोषणा के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मार्जिन घटेगा, लेकिन इसके बाद की तिमाहियों में यह आंकड़ा बढ़ता जाएगा और इसे 26-28 प्रतिशत तक के दायरे में ले जाने का लक्ष्य है।
घरेलू राजस्व के बारे में पूछने पर कृतिवासन ने कहा कि यह काफी हद तक बढ़ेगा और इस आंकड़े से भारत की आर्थिक ताकत का पता भी चलना चाहिए।
पश्चिम एशिया में तनाव जैसी खबरों पर उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं का उसके व्यवसाय पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है, लेकिन तत्काल चिंता की कोई बात नहीं है।
भाषा पाण्डेय अजय
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