नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र परियोजना के चरण-एक के निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार को लेकर निराशा जताई है। समिति ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को इस परियोजना की प्रगति की निगरानी करने को कहा है।
द्वारका के सेक्टर-25 में बन रहा भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (आईआईसीसी) एक आधुनिक प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र होगा। इसमें वित्तीय, होटल और खुदरा सेवाओं की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 25,700 करोड़ रुपये है।
वाणिज्य पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में डीपीआईआईटी को परियोजना की निगरानी करने का सुझाव दिया गया है ताकि इसे समय पर पूरा और चालू किया जा सके।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति इस बात से नाखुश है कि तीन साल की देरी के बावजूद आईआईसीसी परियोजना के पहले चरण का सिर्फ 70.09 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है।
समिति ने स्टार्टअप के लिए कोषों के कोष (एफएफएस) के इस्तेमाल की धीमी रफ्तार पर भी अपनी नाखुशी जताई है। समिति ने इसके तहत विस्तारित आवंटन का वित्त वर्ष के दौरान ही इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विभाग इस कोष का सिर्फ 830 करोड़ रुपये ही इस्तेमाल कर पाया है। संशोधित अनुमान के चरण में 500 करोड़ रुपये के विस्तारित आवंटन का इस्तेमाल नहीं हो पाया है।’’
समिति ने घरेलू कंपनियों द्वारा दायर पेटेंट में कम हिस्सेदारी पर भी चिंता जताई है।
भाषा अजय अजय रमण
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