नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि ‘एआई-लार्ज लैंग्वेज मॉडल’ के उपयोग को लेकर मूल्यांकन अंतिम चरण में है और अगले कुछ सप्ताह में सरकार उन संस्थाओं का चयन कर लेगी, जिन्हें भारत कृत्रिम मेधा (एआई) मिशन के तहत वित्तपोषण मिलेगा।
‘लार्ज लैंग्वेज मॉडल’ (एलएलएम) एक प्रकार की कृत्रिम मेधा है जो मानव भाषा को प्रसंस्कृत करने, समझने और उत्पन्न करने के लिहाज से उत्कृष्ट है।
वैष्णव ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) में सेमीकंडक्टर और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के लिए विनोद धाम उत्कृष्टता केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘एआई एलएलएम अनुप्रयोगों का मूल्यांकन अपने अंतिम चरण में है। अगले कुछ हफ्तों में हम पहले कुछ एलएलएम मॉडल टीमों के चयन में सक्षम होंगे, जिन्हें एआई मिशन के तहत वित्तपोषण मिलना शुरू हो जाएगा।’’
मंत्री ने फरवरी में घोषणा की थी कि अगले 18 महीनों में भारत का अपना एआई मंच होगा, जिसके लिए सरकार ने प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इस परियोजना के लिए 67 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अब उद्योगों ने एआई एप्लिकेशन बनाना शुरू कर दिया है और उनमें से कई को एआई मिशन से मान्यता मिली है।
मंत्री ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, एआई मिशन के तहत हमें मिले पहले 14,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) के बाद, दूसरे चरण की संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया चल रही है और हमें समान रूप से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इसका मतलब है कि हमारे स्टार्टअप समुदाय और एआई शोधकर्ताओं को आने वाले दिनों में बहुत बड़ी जीपीयू कंप्यूटिंग सुविधा मिलेगी।’’
डीटीयू ने बयान में कहा कि उत्कृष्टता केंद्र का नाम प्रसिद्ध प्रौद्योगिकीविद और डीटीयू के पूर्व छात्र विनोद धाम के नाम पर रखा गया है, जिन्हें ‘पेंटियम चिप के जनक’ के रूप में जाना जाता है। यह केंद्र सेमीकंडक्टर नवोन्मेष और विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र बनने के भारत के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उद्घाटन समारोह में पद्म भूषण से सम्मानित विनोद धाम के साथ डीटीयू के कुलपति प्रतीक शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।
भाषा रमण अजय
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