नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) भारत में कारोबारी अवसरों को देखते हुए यूरोपीय विमान विनिर्माता एटीआर अपने विमानों की बिक्री की संभावना तलाशने के लिए अनुसूचित और गैर-अनुसूचित एयरलाइन कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है।
भारतीय बाजार की वृद्धि संभावनाओं को देखते हुए एटीआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले 10 वर्षों में देश में 300 से अधिक टर्बोप्रॉप होंगे।
एयरबस और लियोनार्डो का संयुक्त उद्यम, एटीआर 78 सीटों तक के टर्बोप्रॉप के साथ-साथ मालवाहक विमान भी बनाती है।
वर्तमान में, देश में 70 एटीआर विमान हैं जो इंडिगो, एलायंस एयर और फ्लाई91 द्वारा संचालित हैं।
एटीआर के प्रबंध निदेशक और एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख जीन-पियरे क्लेरसिन ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में बताया कि एटीआर अभी भी भारतीय बाजार को लेकर ‘बहुत आशावादी’ है और कुछ कंपनियों के साथ सक्रिय चर्चा कर रही है।
उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि कंपनी अनुसूचित और गैर-अनुसूचित कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है, जिनमें पहले से ही एटीआर विमान उड़ाने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में से एक है और यहां हवाई अड्डों की संख्या के साथ-साथ क्षेत्रीय हवाई संपर्क भी बढ़ रहा है।
अगले पांच सालों में देश में 50 और हवाईअड्डे बनाने के प्रयास जारी हैं।
वर्तमान में, 160 से ज़्यादा हवाईअड्डे परिचालन में हैं।
उन्होंने कहा, “हम भारत में और भी संबंध बनाने के इच्छुक हैं।”
क्लेरसिन ने कहा कि कंपनी विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी पर भी विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत में अगले 10 सालों में 300 और टर्बोप्रॉप विमान बनाने की संभावना है। एटीआर ने 100 देशों में 200 कंपनियों को 1,800 विमान बेचे हैं।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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