नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) नवंबर, 2021 में समाप्त 2020-21 के आपूर्ति वर्ष में एथनॉल की आपूर्ति 302 करोड़ लीटर से अधिक रहने का अनुमान है। सोमवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि यह आपूर्ति वर्ष 2013-14 में केवल 38 करोड़ लीटर थी।
वर्ष 2020-21 एथनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) के दौरान पेट्रोल के साथ एथनॉल के मिश्रण का स्तर 8.1 प्रतिशत होने का अनुमान है।
पेट्रोल के साथ एथनॉल मिलाने (ईबीपी) के कार्यक्रम के बारे में बताते हुए, समीक्षा में कहा गया है कि सरकार ने अब वर्ष 2025 तक पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य 20 प्रतिशत तय किया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘अनुमान है कि वर्ष 2022 के दौरान 10 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल हो जाएगा।’’
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने चीनी मिलों से जुड़े या अपने आप में अलग से काम कर रही डिस्टिलरीज को विभिन्न फीड स्टॉक जैसे बी-हाई और सी-हाई शीरा, गन्ना रस, चीनी सिरप, चीनी और एफसीआई के अधिशेष चावल, मक्के आदि सहित क्षतिग्रस्त खाद्यान्नों से एथनॉल के उत्पादन की अनुमति दी है।
देश में एथनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए पात्र डिस्टिलरी को ब्याज सहायता के रूप में वित्तीय मदद भी प्रदान की जाती है।
दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘ईबीपी कार्यक्रम के तहत एथनॉल आपूर्ति, जो एथनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में केवल 38 करोड़ लीटर थी, 2019-20 के दौरान बढ़कर 173.3 करोड़ लीटर हो गई है। पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण 8.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
ईएसवाई 2021-22 के लिए एथनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य 10 प्रतिशत है जिसे वर्ष 2025 तक बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाना है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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