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मंगलवार, 1 जुलाई, 2025
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ईएसआईसी ने देश भर में कर्मचारी राज्य बीमा दायरा बढ़ाने की योजना फिर से शुरू की

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नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने पूरे देश में कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) का दायरा बढ़ाने के लिए शुक्रवार को नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना के नवीनीकरण की घोषणा की।

मूल रूप से 2016 में शुरू की गई ‘स्प्री’ योजना (नियोक्ता/कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना) ने 88,000 से अधिक नियोक्ताओं और 1.02 करोड़ कर्मचारियों के पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराई है।

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नवीनीकृत योजना एक जुलाई से 31 दिसंबर, 2025 तक खुली रहेगी। यह अपंजीकृत नियोक्ताओं और अनुबंधित एवं अस्थायी कर्मचारियों सहित छूटे हुए श्रमिकों को ईएसआई अधिनियम के तहत नामांकन करने का एकमुश्त अवसर देगी।

इस योजना के तहत निर्धारित अवधि में पंजीकरण करने वाले नियोक्ताओं को पंजीकरण की तारीख से या उनके द्वारा घोषित तारीख से ईएसआई में शामिल माना जाएगा, जबकि नए पंजीकृत कर्मचारियों को उनके पंजीकरण की संबंधित तिथियों से कवर किया जाएगा।

स्वैच्छिक अनुपालन पर केंद्रित यह योजना मुकदमेबाजी का बोझ कम करने, औपचारिक पंजीकरण को प्रोत्साहित करने और हितधारकों के बीच बेहतर जुड़ाव एवं सद्भावना को बढ़ावा देने की कोशिश करेगी।

यह निर्णय शुक्रवार को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की हिमाचल प्रदेश के शिमला में आयोजित बैठक में लिया गया।

इस बैठक में ईएसआईसी ने माफी योजना-2025 को भी मंजूरी दी जो एक अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक एकबारगी विवाद समाधान व्यवस्था है। इसका मकसद मुकदमेबाजी को कम करना और ईएसआई अधिनियम के तहत अनुपालन को बढ़ावा देना है।

यह पहला मौका है जब ‘कवरेज’ के संबंध में नुकसान और ब्याज से जुड़े मामलों के साथ विवादों को भी माफी योजना में शामिल किया गया है। क्षेत्रीय निदेशकों को उन मामलों को वापस लेने का अधिकार दिया गया है जहां अंशदान एवं ब्याज का भुगतान किया गया है।

इस माफी योजना का उद्देश्य न्यायालय के बाहर विवादों के समाधान के लिए एक व्यवस्था मुहैया कराते हुए मुकदमों की संख्या को कम करना, नियोक्ताओं को आपसी समझौते के लिए आगे आने का अवसर देना है।

ईएसआईसी ने वर्गीकृत दरों के पिछले ढांचे को बदलकर अपने नुकसान के ढांचे को सरल बनाने का भी फैसला किया। पिछले ढांचे में नुकसान की अधिकतम सालाना दर 25 प्रतिशत थी जिसे अब नियोक्ता द्वारा देय राशि पर हर महीने एक प्रतिशत कर दिया गया है।

इसके अलावा निगम ने राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना (आरजीएसकेवाई) के तहत नौकरी छूटने की तारीख से 12 महीने बाद भी आवेदन जमा करने में छूट देने के लिए ईएसआईसी के महानिदेशक को शक्तियां सौंपने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।

इसने ईएसआईसी की संशोधित आयुष नीति को भी मंजूरी दी। यह नीति आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी को ईएसआईसी स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क में शामिल करने पर केंद्रित है।

निगम ने ईएसआईसी अस्पतालों में योग चिकित्सकों एवं पंचकर्म तकनीशियनों/ परिचारकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है।

इसके साथ ही ईएसआईसी ने कम सेवा वाले क्षेत्रों में धर्मार्थ अस्पतालों के साथ साझेदारी में ईएसआई लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा पहुंच देने के लिए एक पायलट परियोजना को भी मंजूरी दी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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