नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ ने बृहस्पतिवार को कहा कि अब भविष्य निधि से ऑनलाइन निकासी के इच्छुक आवेदकों को रद्द किए गए चेक की तस्वीर ‘अपलोड’ करने की आवश्यकता नहीं है और उनके बैंक खातों को नियोक्ताओं द्वारा सत्यापित करने की भी जरूरत नहीं है।
इस कदम से लगभग आठ करोड़ अंशधारकों के लिए दावा निपटान प्रक्रिया में तेजी आने और नियोक्ताओं के लिए कारोबारी सुगमता सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
वर्तमान में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को पीएफ खातों से ऑनलाइन धनराशि निकालने के लिए आवेदन करते समय, यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) या पीएफ संख्या से जुड़े बैंक खाते की चेक या पासबुक की सत्यापित फोटो कॉपी अपलोड करनी होती है। नियोक्ताओं को भी आवेदक के बैंक खाते के विवरण को स्वीकृत करना अनिवार्य है।
श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईपीएफओ ने ऑनलाइन दावा दाखिल करते समय चेक या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की जरूरत को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।
ईपीएफ सदस्यों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ और नियोक्ताओं के लिए ‘कारोबारी सुगमता’ सुनिश्चित करने के लिए इन दो जरूरतों को समाप्त कर दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि इन उपायों से दावों के निपटान की प्रक्रिया में उल्लेखनीय सुधार आएगा और दावों के खारिज होने से संबंधित शिकायतों में कमी आएगी।
इन आवश्यकताओं को शुरू में कुछ केवाईसी-अपडेट किए गए सदस्यों के लिए परीक्षण आधार पर छूट दी गई थी। 28 मई, 2024 को परीक्षण के तौर पर शुरुआत के बाद से, इस कदम से पहले ही 1.7 करोड़ ईपीएफ सदस्यों को लाभ मिल चुका है। मंत्रालय ने कहा कि सफल परीक्षण के बाद, ईपीएफओ ने अब सभी सदस्यों के लिए यह छूट प्रदान दी है।
भाषा अनुराग अजय
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