भुवनेश्वर, दो जुलाई (भाषा) ओडिशा में टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर के सहयोग से इस साल के अंत तक ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बुधवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन में देशभर के ऊर्जा मंत्रियों के भाग लेने की उम्मीद है। ओडिशा ऊर्जा परिवर्तन के लिए रूपरेखा तैयार करने और प्रभावी नीति बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
इस संबंध में मंगलवार शाम उपमुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री कनक वर्धन सिंह देव की अध्यक्षता में तैयारी बैठक हुई।
बैठक में सिंहदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2047 तक ‘विकसित भारत’ की नींव रखी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में ऊर्जा क्षेत्र की अहम भूमिका होगी।
उन्होंने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार जलवायु-अनुकूल रणनीति तैयार कर रही है। राज्य कार्बन उत्सर्जन को कम करके और नवीकरणीय स्रोतों को अपनाकर शुद्ध शून्य कार्बन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हम पारंपरिक स्रोतों से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ने के मुहाने पर हैं और राज्य में सौर ऊर्जा, पंप भंडारण परियोजना (पीएसपी), हरित ऊर्जा आदि की ओर बढ़ रहे हैं। टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट इसमें हमारा साथ देगा।”
अधिकारी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने पिछले साल जून में नयी दिल्ली में इस सम्मेलन के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। सम्मेलन में ओडिशा के ऊर्जा क्षेत्र में नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा। सम्मेलन में भारत और विदेश से कई प्रतिष्ठित हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
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