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Wednesday, 25 September, 2024
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बजट में आर्थिक पुनरुद्धार के लिए खर्च बढ़ाने पर जोर, आयकर में नहीं मिली राहत

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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये सरकारी खजाने का मुंह खोलते हुए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए राजमार्गों से लेकर किफायती मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है।

वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए ढांचागत क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया लेकिन आयकर स्लैब या कर की दरों में किसी भी तरह के बदलाव का प्रस्ताव नहीं रखा।

संसद में पेश 2022-23 के बजट में सीतारमण ने पूंजीगत व्यय में चालू वित्त वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी करते हुए 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने सीमा-शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने, नई विनिर्माण कंपनियों के गठन की समयसीमा बढ़ाने के साथ डिजिटल मुद्रा लाने तथा क्रिप्टो संपत्तियों पर कर लगाने के भी प्रस्ताव रखे।

बजट पेश करने के बाद सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में मध्य वर्ग को कोई राहत नहीं दिए जाने के सवाल पर कहा कि सरकार ने दो साल से कोई कर नहीं बढ़ाया है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने कर बढ़ाकर पैसे जुटाने की कोशिश नहीं की। हम नहीं चाहते हैं कि महामारी के दौर में लोगों पर कर का बोझ बढ़े।’

पिछले साल की तरह इस बार भी बजट में बुनियादी ढांच से जुड़े खर्च पर खासा जोर दिया गया है। इसमें 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी, 25,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, नदियों को जोड़ने की योजना तथा नई पीढ़ी की 400 वंदेभारत ट्रेनों का विनिर्माण शामिल है।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में तेज वृद्धि के लिए बुनियाद रखने का संकल्प जताते हुए कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था का तेजी से सुदृढ़ होना और पुनरुद्धार हमारे देश की मजबूती को बताता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बजट में राजकोषीय मजबूती की जगह आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता दी गयी है। बजट वृद्धि के लिये निरंतर गति प्रदान करता रहेगा।’’

बजट में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है जबकि पूर्व में इसके 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। लेकिन अगले वित्त वर्ष 2022-23 में इसके कम होकर 6.4 प्रतिशत तथा 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान रखा गया है।

आर्थिक वृद्धि दर के बारे में इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 8 से 8.5 प्रतिशत रहेगी। वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत का संकुचन दर्ज किया गया था।

उन्होंने बजट में भारतीय रिजर्व बैंक-समर्थित डिजिटल मुद्रा लाने की योजना का भी ऐलान करते हुए कहा कि इससे सस्ता एवं अधिक सक्षम मुद्रा प्रबंधन में मदद मिलेगी।

इसके अलावा डिजिटल परिसंपत्तियों के लेनदेन से होने वाले लाभ पर एक अप्रैल 2022 से 30 फीसदी की दर से कर लगाने का प्रस्ताव भी बजट में रखा गया है। इन परिसंपत्तियों में क्रिप्टोकरेंसी एवं एनएफटी भी शामिल की गई हैं।

बजट में आयातित हेडफोन, लाउडस्पीकर, स्मार्ट मीटर और सौर पैनल पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है ताकि घरेलू विनिर्माताओं को प्रोत्साहन एवं रोजगार सृजन किया जा सके। इसके अलावा कुछ इस्पात उत्पादों पर से डंपिंग-रोधी शुल्क हटाने और स्क्रैप पर शुल्क रियायत को एक साल बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा गया है।

वित्त मंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग स्टेशनों पर ही बैटरी बदलने की नीति लाने, 3.8 करोड़ घरों तक पाइपलाइन से जल-आपूर्ति के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित करने, सौर मॉड्यूल के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 19,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन की भी घोषणा की।

ढांचागत प्रोत्साहन के लिए सीतारमण ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का ठेका जारी करने, किफायती आवास के लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित करने, राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर के विस्तार, मल्टी-मोड वाले चार लॉजिस्टिक पार्क बनाने और पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे के विकास का कार्यक्रम शुरू करने का भी प्रस्ताव बजट में रखा गया है।

उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों को 5जी सेवाएं देने के लिए वर्ष 2022 में ही स्पेक्ट्रम नीलामी की जाएगी। बजट में केन एवं बेतवा नदी-जोड़ परियोजना को उच्च प्राथमिकता देने और रक्षा क्षेत्र में शोध एवं विकास को निजी फर्मों के लिए खोलने का भी ऐलान किया गया।

सीतारमण ने कहा, ‘‘बजट का रुख विकास के सात इंजन…सड़क, रेलवे, हवाईअड्डा, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और ‘लॉजिस्टिक’ बुनियादी ढांचे… पर आधारित है। ये बुनियादी ढांचे के प्रमुख क्षेत्र हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा बदलाव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार, जल एवं जल-निकासी क्षेत्र तथा सामाजिक बुनियादी ढांचे के साथ सातों इंजन अर्थव्यवस्था को समान गति से आगे बढ़ाएंगे।’’

प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर करदाताओं के लिये चीजें सुगम बनायी गयी हैं। एक नई आयकर रिटर्न प्रणाली लायी जाएगी और राजस्व प्राधिकरणों के अपीलीय अधिकारों को सीमित कर कानूनी विवाद कम किये जाएंगे।

बजट में नई कंपनियों के लिये कर को लेकर राहत की अवधि बढ़ायी गयी है। इसके तहत 15 प्रतिशत कॉरपोरेट कर का विकल्प चुनने वाली इकाइयां अपना उत्पादन 31 मार्च, 2024 तक शुरू कर इसका लाभ ले सकती हैं।

सरकारी व्यवस्था में भरोसे को बढ़ाने के लिये अद्यतन कर रिटर्न प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत करदाता संबंधित आकलन वर्ष समाप्त होने के दो साल के भीतर निर्धारित कर के भुगतान के साथ कर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

उन्होंने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर 15 प्रतिशत अधिभार की सीमा तय करने का भी प्रस्ताव किया।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिये विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) कानून के स्थान पर नया कानून लाया जाएगा। बुनियादी ढांचा विकास को लेकर राज्य भागीदार बनेंगे।

अप्रत्यक्ष कर मामले में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिये परियोजना आयात योजना के तहत पूंजीगत सामान पर रियायती कर दर के प्रस्ताव को वापस लिया जाएगा और आयात पर 7.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।

भाषा Prem पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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