जम्मू, 30 मार्च (भाषा) विभिन्न सरकारों के तहत पिछले 70 साल में जम्मू-कश्मीर केवल 3,500 मेगावॉट का बिजली उत्पादन करने में सक्षम रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ऐसे में अब प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में अगले तीन वर्षों में बिजली उत्पादन को दोगुना करने पर ध्यान केंद्रित करना पड़ रहा है।
केंद्र शासित प्रदेश में बिजली उत्पादन को दोगुना करने के लिए एनएचपीसी और एक संयुक्त उद्यम द्वारा 6,272 मेगावॉट क्षमता वाली कुल आठ नई पनबिजली बिजली परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘70 वर्षों में जम्मू-कश्मीर केवल 3,500 मेगावॉट बिजली का उपयोग करने में सक्षम था। अब उत्पादन क्षमता को तीन साल में दोगुना और अगले सात साल में तीन गुना किया जाना है।’’
उन्होंने कहा कि पनबिजली परियोजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही देरी को समाप्त कर दिया गया है और निष्पादन की गति को तेज किया गया है। इसके साथ ही मौजूदा बिजली कमी को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर क्षमता विस्तार कार्यक्रम शुरू किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि 6,272 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाली आठ बिजली परियोजनाओं को क्रियान्वयन के लिए लिया गया है। इनमें से 4,108 मेगावॉट की कुल क्षमता वाली पांच परियोजनाओं को एनएचपीसी द्वारा और तीन अन्य को जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये क्रियान्वित किया जाएगा।
संघ शासित प्रदेश की अनुमानित पनबिजली क्षमता 20,000 मेगावॉट है, जिसमें से लगभग 16,475 मेगावॉट क्षमता को चिह्नित किया जा चुका है।
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