नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) देश में अगले पांच साल में बिजली की मांग 6.0 से 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है।
यह वृद्धि इलेक्ट्रिक वाहन और हरित हाइड्रोजन को तेजी से अपनाने के साथ-साथ डेटा सेंटर क्षमता को मजबूत करने के कारण होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में उत्पादन क्षमता में 44 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) की वृद्धि होने का अनुमान है जो अबतक का उच्चतम स्तर है।
इक्रा के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख विक्रम वी (कॉरपोरेट रेटिंग) ने एक वेबिनार में कहा, ‘‘बिजली की मांग अगले पांच साल में 6.0 से 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। यह वृद्धि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), हरित हाइड्रोजन को तेजी से अपनाने और डेटा सेंटर क्षमता में वृद्धि के कारण होगी।’’
उन्होंने कहा कि इन तीन क्षेत्रों से वित्त वर्ष 2025-26 से 2029-20 तक मांग में 20 से 25 प्रतिशत के योगदान की संभावना है।
इक्रा ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में उत्पादन क्षमता में 44 गीगावाट की वृद्धि का अनुमान है जो अबतक का उच्चतम स्तर है। यह वित्त वर्ष 2024-25 में 34 गीगावाट के पिछले उच्चतम स्तर से काफी अधिक है। इसके साथ मार्च, 2026 तक कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 520 गीगावाट के करीब पहुंच जाएगी।
तापीय बिजली क्षेत्र में वित्त वर्ष 2025-26 में 9 से 10 गीगावाट क्षमता जुड़ने की उम्मीद है। जबकि शेष योगदान बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से होगा।
भाषा रमण अजय
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