नयी दिल्ली, एक सिंबर (भाषा) देश में बिजली की खपत अगस्त महीने में 4.4 प्रतिशत बढ़कर 150.47 अरब यूनिट पर पहुंच गई, जो पिछले वर्ष इसी माह 144.11 अरब यूनिट रही थी। आधिकारिक आंकड़ों में सोमवार को यह जानकारी दी गई।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में लगातार हुई भारी वर्षा ने बिजली की मांग और खपत पर असर डाला।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में बिजली की एक दिन की अधिकतम मांग बढ़कर 229.71 गीगावाट रही, जबकि अगस्त 2024 में यह 216.47 गीगावाट थी।
मई 2024 में एक दिन की अधिकतम बिजली मांग का आंकड़ा 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चतम स्तर तक पहुंच गया था, जबकि इससे पहले सितंबर 2023 में 243.27 गीगावाट की अधिकतम मांग दर्ज की गई थी।
सरकार ने इस साल गर्मियों के मौसम में अधिकतम बिजली मांग 277 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान लगाया था लेकिन अब तक अप्रैल से जून के बीच सबसे ऊंची मांग जून में 242.77 गीगावाट ही रही।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की अत्यधिक सक्रियता के चलते बिजली की खपत अपेक्षित स्तर से कम रही है क्योंकि बारिश की वजह से मौसम नरम रहने से कूलर एवं एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल घटा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि देशभर में एक जून से 31 अगस्त के बीच 743.1 मिलीमीटर बारिश हुई जो दीर्घकालिक औसत 700.7 मिलीमीटर से छह प्रतिशत अधिक है।
अगस्त के दौरान देशभर में 268.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 5.2 प्रतिशत अधिक है।
उत्तर-पश्चिम भारत में यह आंकड़ा 265 मिलीमीटर रहा, जो 2001 के बाद सबसे अधिक और 1901 के बाद 13वां उच्चतम स्तर है।
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में भी अगस्त महीने में 250.6 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 31 प्रतिशत अधिक रही और यह 2001 के बाद तीसरा सर्वोच्च आंकड़ा है।
मौसम विभाग के मुताबिक, सितंबर महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिससे बिजली की मांग पर आगे भी दबाव जारी रह सकता है।
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