नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) देश में बिजली की खपत जनवरी में छह प्रतिशत बढ़कर 133.83 अरब यूनिट (बीयू) रही।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी, 2023 में बिजली की खपत 126.30 अरब यूनिट थी।
बिजली की अधिकतम मांग जनवरी, 2024 में एक दिन में 222.32 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) रही। जनवरी, 2023 में यह 210.72 गीगावाट और जनवरी, 2022 में 192.18 गीगावाट थी।
इसकी मुख्य वजह शीतलहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ना है जिससे बिजली की मांग के साथ-साथ खपत भी बढ़ गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि जनवरी में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी सुधार हुआ क्योंकि इस महीने पारा तेजी से गिरा खासकर उत्तर भारत में।
बिजली मंत्रालय ने देश में बिजली की मांग गर्मियों में 229 मेगावाट पर पहुंचने का अनुमान जताया था। हालांकि, बेमौसम बारिश के कारण मांग अप्रैल-जुलाई के दौरान इस स्तर पर नहीं पहुंची।
हालांकि, बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट पहुंच गई, जो जुलाई में 209.03 गीगावाट थी। अगस्त में अधिकतम मांग 238.82 गीगावाट और सितंबर, 2023 में 243.27 गीगावाट रही। अक्टूबर में यह 222.16 गीगावाट, नवंबर में 204.77 गीगावाट और दिसंबर में 213.62 गीगावाट रही थी।
विशेषज्ञों ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार और फरवरी में शीत लहर जारी रहने के कारण बिजली खपत में लगातार वृद्धि का अनुमान है।
भाषा निहारिका अजय
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