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Tuesday, 19 November, 2024
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मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी: गोयल

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नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन एवं रूस से गेहूं का बड़े पैमाने पर आयात करने वाले देश मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दे दी है।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में तीव्र गिरावट आई है। ये दोनों देश गेहूं के प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक हैं।

मिस्र ने वर्ष 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर मूल्य के गेहूं का आयात किया था।

अब बदले हुए माहौल में मिस्र भारत से 10 लाख टन गेहूं का आयात करना चाहता है। अकेले अप्रैल में ही उसे 2,40,000 टन गेहूं की जरूरत होगी।

गोयल ने एक ट्वीट में मिस्र के कदम का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘भारतीय किसान दुनिया का पेट भर रहे हैं। मिस्र ने गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर भारत को मंजूरी दी है। दुनिया जब टिकाऊ खाद्य आपूर्ति के भरोसेमंद वैकल्पिक स्रोत की तलाश में है, तब मोदी सरकार आगे आई है। हमारे किसानों ने अनाज भंडारों को भरा रखा है और हम दुनिया की सेवा करने के लिए तैयार हैं।’’

गोयल ने मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मिस्र से गेहूं निर्यात की मंजूरी मिलने के बाद भारत अपना एक प्रतिनिधिमंडल वहां के गेहूं आयातकों के पास भेजेगा। उन्होंने कहा कि मिस्र ने अच्छी किस्म के गेहूं के आयात की मंशा जताई है।

उन्होंने कहा कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़े वैश्विक तनाव के बीच चालू वित्त वर्ष में 100 लाख टन गेहूं के निर्यात का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ‘दो साल पहले हमने सिर्फ 2 लाख टन गेहूं का ही निर्यात किया था। हमने इसे बढ़ाकर 20 लाख टन तक पहुंचाया और वित्त वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 70 लाख टन हो गया।’

गोयल ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022-23 में न्यूनतम 100 लाख टन का निर्यात करेंगे और इसके 150 लाख टन तक भी पहुंच जाने की संभावना है।’

भारत का गेहूं निर्यात अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच बढ़कर 1.74 अरब डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 34.017 करोड़ डॉलर था। वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का गेहूं निर्यात 6.184 करोड़ डॉलर था जो 2020-21 में बढ़कर 54.967 करोड़ डॉलर हो गया था।

भारत गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सर्वाधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है।

वर्ष 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करने वाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया हैं।

हालांकि दुनिया के कुल गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम है। इसकी हिस्सेदारी 2016 के 0.14 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 0.54 प्रतिशत हो गयी थी।

भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और दुनिया में 2020 में गेहूं के कुल उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी करीब 14.14 फीसदी थी। भारत सालाना करीब 10.759 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है लेकिन उसकी ज्यादातर खपत घरेलू स्तर पर ही हो जाती है।

भाषा

प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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