कोलकाता, 10 नवंबर (भाषा) इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन निकाय ईईपीसी इंडिया ने अमेरिका के साथ चल रही द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की बातचीत में इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों को शामिल करने का आह्वान किया है।
ईईपीसी इंडिया ने कहा कि खासतौर से छोटे और मझोले उद्योगों से संबंधित इस्पात उत्पादों को व्यापार वार्ता में शामिल करना चाहिए।
निकाय ने यूरोपीय संघ के साथ वार्ता में मौजूदा शुल्क ढांचे को बनाए रखने की वकालत भी की है।
एक बयान के अनुसार, ईईपीसी इंडिया ने औपचारिक रूप से सरकार के एफटीए वार्ता दलों के सामने निर्यातक समुदाय की चिंताओं को उठाया है।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि धारा 232 के तहत अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क ने इंजीनियरिंग निर्यात को काफी हद तक बाधित किया है, जिससे बीटीए वार्ता में इस मुद्दे को उठाना अनिवार्य हो गया है।
चड्ढा ने कहा, ‘‘अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क लगाने से हमारे प्रतिस्पर्धियों के साथ शुल्क अंतर औसतन 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यह निश्चित रूप से अमेरिकी बाजार में हमारी स्थिति को प्रभावित करता है।’’
उन्होंने भारत की बाजार स्थिति को सुरक्षित करने में मदद के लिए विशेष सहायता पैकेज देने का आग्रह भी किया।
चड्ढा ने यूरोपीय संघ के नए प्रस्ताव पर चिंता जताई, जिसमें कोटा कम करने और कोटा से इतर शुल्कों को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की बात कही गई है।
भाषा पाण्डेय अजय
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