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फरवरी में खाद्य तेल का आयात आठ प्रतिशत घटकर 8.85 लाख टन पर

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नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) इस साल फरवरी में भारत का खाद्य तेल आयात सालाना आधार पर आठ प्रतिशत घटकर 8,85,561 टन रहा है। उद्योग निकाय एसईए के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

फरवरी, 2024 में खाद्य तेलों का आयात 9,58,852 टन का हुआ था।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी के दौरान वनस्पति तेलों (खाद्य और अखाद्य तेल) का आयात फरवरी, 2024 के 9,65,852 टन की तुलना में सात प्रतिशत घटकर 8,99,565 टन रह गया।

इसमें 8,85,561 टन खाद्य तेल और 14,004 टन अखाद्य तेल शामिल हैं।

एसईए ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘‘विशेष रूप से, यह मई, 2020 के बाद से सबसे कम मासिक आयात है, जब कोविड-19 महामारी के कारण आयात घटकर 7,20,976 टन रह गया था।’’

तेल विपणन वर्ष 2024-25 (नवंबर 2024-फरवरी 2025) के पहले चार महीनों में, कुल वनस्पति तेल आयात 48,07,798 टन तक पहुंच गया, जो पिछले तेल वर्ष की इसी अवधि में 46,38,963 टन के आयात से चार प्रतिशत अधिक है।

एसईए ने कहा, ‘‘वनस्पति तेल के आयात में हालिया गिरावट को नवंबर, 2024 तक भारत में जमा उच्च स्टॉक स्तर द्वारा कम किया गया है, जो अब 20 लाख टन से कम रह गया है। स्टॉक के तेजी से घटने से विशेष रूप से पाम तेल की खरीद में वृद्धि होने की उम्मीद है।’’

पिछले कुछ सप्ताह में, भारतीय बाजार में बंदरगाह तक पहुंचने की लागत के सापेक्ष कच्चे पाम तेल की कीमतें थोड़ी मजबूत हुई हैं।

इसने कहा, ‘‘हालांकि, वैश्विक बाजार में कमजोर मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता निकट भविष्य में भारतीय पामतेल आयात घटा सकती है।

एसोसिएशन ने कहा कि वर्ष 2024-25 में वनस्पति तेल की खपत में वृद्धि धीमी होने की उम्मीद है।

एसईए ने कहा, ‘‘पाम तेल पर उच्च मूल्य प्रीमियम ने हाल के महीनों में आयात और खपत दोनों को कम कर दिया है, जिससे सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की संयुक्त खपत में तेज वृद्धि हुई है।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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